आसनसोल/बर्नपुर: पंजाब के तरनतारन गांव के निवासी तथा विगत 22 वर्षो से पाकिस्तान के कोट लखपत जेल में बंद रहा सरबजीत सिंह की मौत की घटना से कोयलांचल का सिख संगत भारी आक्रोश में है. बर्नपुर गुरुद्वारा परिसर से स्कूली बच्चों को लेकर बर्नपुर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने रैली निकाली. कमेटी पदाधिकारियों का कहना था कि सरबजीत आखिरकार गंदी राजनीति के भेंट चढ़ गया.
सरबजीत की मौत ने यह साबित किया कि राजनीतिक जीत गयी है और सरबजीत हार गया है. जेल में छह कैदियों द्वारा सरबजीत की पिटाई और लाहौर के जिन्ना अस्पताल में उसकी मौत के कारणों की जांच होनी चाहिए. सोची समझी साजिश के तहत सरबजीत पर हमला हुआ. भारत सरकार के गैर जिम्मेदराना रवैये की भेंट चढ़ गया सरबजीत. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को मजबूती से पहल करनी चाहिए थी.
रैली का नेतृत्व कर रहे गुरुद्वारा प्रधान सरदार चरणजीत सिंह ने कहा कि 26 वर्ष की उम्र में नासमझी में बॉडर लांघ गये सरबजीत को 1990 में गिरफ्तार कर पाकिस्तान ने रॉ का एजेंट होने का आरोप लगाया. बीते 22 वर्षो से पाकिस्तान की जेल में बंद सरबजीत की रिहाई के लिए उसके परिवार वालों के साथ पंजाब के कई स्वयं सेवी संगठनों व स्थानीय नागरिकों ने प्रयास किया. कई अपील की और कई बार राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगायी गयी. लेकिन केवल आश्वासन ही आश्वासन मिलते रहे. बीते दिनों कोट लखपत जेल में बंद सरबजीत पर छह कैदियों द्वारा हमला एक सोची समझी साजिश थी.
गंभीर रूप से घायल अवस्था में सरबजीत को जिन्ना अस्पताल में भरती कराया गया, जहां गुरुवार की अहले सुबह उसकी मौत की खबर पाकिस्तान ने जारी की. क्या यह हमारे देश की लापरवाही नहीं है? देश ने सख्त कार्रवाई क्यों नहीं की समय रहते? अवसर पर मौजूद गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अन्य सदस्यों समेत इलाके के सिख संगत ने घटना का विरोध जताया और सरबजीत की मौत का जिम्मेवार केंद्र सरकार को बताया. मौके पर श्री गुरुनानक हाई स्कूल फॉर गल्र्स (बर्नपुर गुरुद्वारा) की दर्जनों छात्राओं के साथ प्रबंधक कमेटी के प्रधान श्री सिंह, बलवंत सिंह, सौदागर सिंह शांत, बलकार सिंह, देवेंद्र मलहोत्र, सुरेंद्र सिंह, बलदेव सिंह, चरण सिंह, जीत सिंह, अजीत सिंह, सुरेंद्र सिंह आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे.
दूसरी ओर शिल्पांचल के प्राय: सभी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी प्रतिनिधियों ने घटना का विरोध जताया. सिख समुदाय के अधिकांश प्रतिनिधियों ने सरबजीत की मौत को हत्या बताया है और इसके लिए पाकिस्तान सरकार के साथ देश की गलत नीति को दोषी बताया है. उनका आरोप है कि केंद्र सरकार को पाकिस्तान के साथ सख्ती से पेश आना चाहिए था, जिसके बाद कुछ अच्छा हो सकता था, लकिन ऐसा हुआ नहीं.