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होती मजबूत पहल तो कुछ अलग होता नजारा

आसनसोल/बर्नपुर: ध्रुवडंगाल गुरुद्वारा के सुरेंद्र सिंह कहते है कि केंद्र सरकार सरबजीत सिंह की मौत के लिए पूर्ण रूप से जिम्मेवार है, सरकार अगर समय रहते कुछ करती तो सरबजीत अपने परिवार केसाथ होता. बर्नपुर गुरुद्वारा के बलवंत सिंह ने केंद्र सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने अपनी असली […]

आसनसोल/बर्नपुर: ध्रुवडंगाल गुरुद्वारा के सुरेंद्र सिंह कहते है कि केंद्र सरकार सरबजीत सिंह की मौत के लिए पूर्ण रूप से जिम्मेवार है, सरकार अगर समय रहते कुछ करती तो सरबजीत अपने परिवार के
साथ होता.

बर्नपुर गुरुद्वारा के बलवंत सिंह ने केंद्र सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने अपनी असली तसवीर सभी के समक्ष रखी है कि वो ऐसे मामलों में कुछ नहीं कर सकती.
बलदेव सिंह का आरोप है कि पाकिस्तान का कायरता पूर्वक रूप सामने आया है इस घटना से, इसके लिए भारत सरकार भी उतनी ही दोषी है, जितनी पाकिस्तान की सरकार.

सौदागर सिंह शांत ने कहा कि भारत सरकार का डरपोक विदेश मंत्रलय इस मामले का समाधान कर सकता था, लेकिन मंत्रलय के सभी लोगों ने अपनी कार्यरता इस मामले में दिखायी.

बर्नपुर गुरुद्वारा प्रधान चरणजीत सिंह ने कहा कि प्रशासन की गलती और लापरवाही का अंजाम सरबजीत सिंह व उसके परिवार वालों को भुगतना पड़ा, जिस कारण उसकी हत्या हुई.

ध्रुवडंगाल गुरुद्वारा के हरपाल सिंह जोहल ने कहा कि सोची, समझी साजिश के तहत सरबजीत पर जेल में हमला करवाया गया. जिससे उसकी मौत हुई, इसके लिए केंद्र सरकार दोषी है.

बर्नपुर के बलकार सिंह ने कहा कि जेल में दूसरे कैदिया द्वारा सरबजीत की पिटाई और दिखावे के तौर पर अस्पताल में इलाज, यह पाकिस्तान की चाल है सरकार को उचित कार्रवाई करनी चाहिए.
सुरेंद्र सिंह कहते है कि सरबजीत के मौत के कारणों की जांच होनी चाहिए, लेकिन हमारी कमजोर केंद्र सरकार कुछ भी आगे करेगी, विश्वास नहीं होता. हरजिंदर पाल सिंह का आरोप है कि प्रशासन, केंद्र सरकार व राजनेताओं की गलती से सरबजीत की मौत हुई है. इसके लिए हर ओर से केंद्र सरकार व उसकी नीति जिम्मेवार है.

बलबीर सिंह कहते है कि भारत सरकार अगर समय रहते उचित कार्रवाई करती तो आज सरबजीत जिंदा होता. यह सरबजीत के परिवार व देशवासियों के साथ सौतेला व्यवहार है केंद्र का.

बख्शी सिंह ने केंद्र सरकार के नेताओं पर उंगली उठाते हुए कहा कि किसी भी तरह से देश के यह नेता जनता हित में फैसला नहीं करते. अपना उल्लू साधने के लिए आम लोग बलि चढ़ रहे है.

अजित सिंह केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कहते है कि लापरवाह केंद्र सरकार व उसके नेताओं की राजनीति का शिकार सरबजीत हुआ, अगर सही कदम उठता तो नजारा कुछ ओर होता.
पिंदर पाल कौर का कहना है कि देश के लिए बेहद दुखद घटना गुरुवार की सुबह लेकर आयी, इसके लिए केंद्र सरकार की नीति व गैर जिम्मेदारना रवैया दोषी है.

दर्शन कौर का आरोप है कि समय रहते केंद्र सरकार व विदेश मंत्रलय को कुछ करना चाहिए था, लेकिन केंद्र सरकार व विदेश मंत्रलय इस मामले में चुप्पी साधे रहा और सरबजीत की मौत हो गयी.

परमजीत सिंह कहती है कि मामले की जांच हो और कसूरवारों को सख्त से सख्त सजा मिले. लेकिन ऐसा होता दिखता नहीं. इसका मुख्य कारण हमारी केंद्र सरकार है.

कुलविंदर कौर ने कहा कि केंद्र के नेता केवल तमाशा देखते रहे और सरबजीत मारा गया. इसके लिए जोरदार आवाज उठती और सख्ती दिखायी जाती तो ऐसा नहीं होता.

जयती राय ने कहा कि सरबजीत मामले में सरकार पूरी तरह से नाकाम रही और अंत: सरबजीत की मौत हो गयी. लेकिन इस के लिए दोषियों पर कार्रवाई करनी चाहिए.

शाहिदा परविन का आरोप है कि 22 वर्षो से पाकिस्तान की जेल में बंद सरबजीत सिंह के लिए देश की सरकार ने क्या किया. अगर कुछ करती तो आज सरबजीत रिहा होकर अपने परिवार के साथ जीवन व्यतीत करता.

रेवा भट्टाचार्य ने कहा कि सरबजीत की मौत से देश की ताकत की पोल खुली है, अगर सरकार इस मामले को लेकर सख्त कदम उठाती तो जवाब में पाकिस्तान को झूकना पड़ता और एैसा नहीं होता.
करमजीत कौर ने कहा कि कसाब, अफजल की फांसी के बाद से सरबजीत की हत्या की धमकी मिलने के बावजूद केंद्र सरकार ने कोई पहल नहीं की और साजिश के तहत जेल में उसपर हमला हुआ.

आसनसोल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्यों ने इस घटना पर शोक प्रकट करते हुए कहा कि इस घटना की जितनी निंदा की जाये, कम है. सरकार को उचित कदम पहले उठाना चाहिए था.

कुल्टी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सुरजीत सिंह ने कहा कि देश के बड़े-बड़े नेता केवल विदेश घुमने और बड़ी बातें करने के लिए है, लेकिन एक बेकसूर व्यक्ति के लिए कुछ नहीं
कर पाये.

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