जयनगर : झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष मणिशंकर ने गुरुवार को बांङोडीह पावर प्लांट का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने ऐश पांड सहित कई संयत्रों का निरीक्षण किया. निरीक्षण में उन्होंने स्थिति को बेहतर देखते हुए ट्रायल प्रोडक्शन को हरी झंडी दे दी.
उन्होंने कि 11 अप्रैल को ग्रामीणों की शिकायत पर बोर्ड ने यह निर्देश दिया था कि जब तक ऐश पांड नहीं बन जाता है, तब तक उत्पादन बंद रहेगा. चूंकि ट्रायल प्रोडक्शन के दौरान प्लांट से छोड़े जाने वाले पानी को पीने से आस-पास के गांवों के मवेशी मर रहे थे. इसको देखते हुए प्रोडक्शन को बंद करने का निर्देश दिया गया था.
उन्होंने कहा कि अब ऐसी स्थिति नहीं है. ऐसे में उत्पादन शुरू किया जा सकता है. ज्ञात हो कि दो ऐश पांड का निर्माण हो चुका है, जबकि एक ऐश पांड का निर्माण होना बाकी है. उन्होंने डीवीसी के पदाधिकारियों से वार्ता भी की. उन्होंने कहा कि बांङोडीह प्लांट झारखंड की धरोहर है.
यहां प्रदूषण नियंत्रण के नियमों का अनुपालन हो रहा है. अब गीला कचरा ऐश पांड में जायेगा और सूखने के बाद उसे बंद वाहन से अलग जगह पर ले जाया जायेगा. इस दौरान डीवीसी के बीपी मंडल, रवींद्र कुमार, जितेंद्र झा, सीआइएसएफ कमांडेंट एम केरकेट्टा, विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधि, कांग्रेस जिला अध्यक्ष निर्मल कुमार ओझा, रामलखन पासवान, शंकर यादव, गणोश स्वर्णकार, सुरेंद्र प्रसाद यादव, नारायण यादव, उपेंद्र सिंह आदि थे.
ग्रामीणों ने अध्यक्ष को सौंपा ज्ञापन : ऐश पांड के निरीक्षण के दौरान करियावां व खेडोबर के ग्रामीणों ने झाविमो नेता अजरुन सिंह के नेतृत्व में प्रदूषण बोर्ड के अध्यक्ष मणिशंकर को एक ज्ञापन सौंपा. करियावां व आसपास के गांवों में 500 मीटर तक घना पौधरोपण करने की मांग की गयी.
साथ ही सूखा कचरा को यहां से दूर रखा जाये. इस दौरान उप मुखिया शिवकुमार यादव ने कहा कि वायु प्रदूषण के कारण उनके गांवों की फसल बरबाद हो रही है. इस पर श्री मणिशंकर ने कहा कि वे अपनी शिकायत लिखित तौर पर डाक से बोर्ड को भेज दें. प्रतिनिधिमंडल में श्री सिंह के अलावा उमेश यादव, अरुण यादव, कालेश्वर सिंह आदि शामिल थे.