आसनसोल : आसनसोल का प्रमुख व्यावसायिक केंद्र मुंशी बाजार ड्रेन पर बस चुका है. बाजार आने वाले ग्राहकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. ड्रेन पर चौकी लगा कर सैकड़ों दुकानें सजी है.
सब्जी, फल व मछली पट्टी की स्थिति और नारकीय हो गयी है. नाली में पानी का बहना बंद हो चुका है. नाली के ऊपर बैठने वाले दुकानदार सब्जी, मछली व फल आदि के अवशेष नाली में फेंक देते है. जिससे नाली जाम की स्थिति उत्पन्न हुई है. नाली बंद होने के कारण बारिश का पानी बाहर बहने लगता है. बाजार अंचल के आवासों में प्रदूषित पानी प्रवेश कर जाता है.
वार्ड 13 की पार्षद उमा देवी सर्राफ का कहना है कि बीएसयूपी के तीसरे चरण में करीब आठ लाख रुपये का फंड पड़ा है. वार्ड के अब्दुल लतीफ लेन, मुंशी बाजार की नाली जजर्र हो चुकी है. बाजार अंचल में पहले से नाली है. यहां नयी नाली बनने का सवाल ही नहीं उठता. पुरानी नाली को तोड़ कर नये सिरे से नाली का निर्माण किया जा सकता है या नहीं. इसे लेकर संशय है.
मेयर को इस बारे में बात हुई है. मेयर श्री बनर्जी ने आश्वासन दिया है कि इस योजना के तहत पुरानी नाली को तोड़ कर नये सिरे से नाली निर्माण करने का प्रावधान है या नहीं. इसकी जानकारी ली जायेगी. श्रीमती सर्राफ का कहना है कि अप्रैल 2014 तक इस राशि का उपयोग नहीं हो पाया, तो यह राशि वापस चली जायेगी.
वार्ड 12 के पार्षद शिव प्रसाद बर्मन का कहना है कि बीएसयूपी योजना के तीसरे चरण में करीब 18 लाख रुपये पड़ा हुआ है. बाकर अली लेन, आइस्क्रीम गली, एमएच स्ट्रीट, सिराजुल हक लेन, लिटन स्ट्रीट, पद्दोतालाब से जीटी रोड तक का हाई ड्रेन जजर्र हो चुकी है.
इस अंचल से सरकार व नगर निगम को सर्वाधिक राजस्व प्राप्त होने व कई बार बोर्ड बैठक में बाजार के विकास के लिए मास्टर प्लान का मुद्दा उठाया गया, लेकिन इस मामले पर किसी प्रकार की पहल नहीं की जाती. जीटी रोड किनारे फुटपाथ जजर्र हो चुका है. इसके निर्माण को लेकर भी वर्तमान बोर्ड सजग नहीं है.
आसनसोल मार्केट शॉप कीपर्स एसोसिएशन के सचिव नंदू पाल का कहना है कि मुंशी बाजार में करोड़ों का व्यवसाय प्रतिदिन होता है. लेकिन बाजार विकास को लेकर नगर निगम की ओर से कोई पहल नहीं होती. सब्जी पट्टी की तुलना में मछली व फल पट्टी में पानी का बहाव बंद हो चुका है. प्रतिदिन रात्रि को बाजार में कचरे की सफाई होती है. लेकिन नालियों पर दुकान बस जाने से बारिश में परेशानी बढ़ जाती है.
आसनसोल बाजार व्यवसायी समिति के अध्यक्ष रामअवतार चोखानी का कहना है कि आसनसोल नगर निगम प्रशासन की कमजोरी के कारण नालियों पर दुकानदारों का कब्जा हो गया है. एक-दो बार प्रशासन द्वारा अभियान चलाये जाने के बाद चुप्पी साध लेती है. कई बार नगर निगम प्रशासन का इस ओर ध्यान आकर्षण कराया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती. बाजार में ग्राहकों का चलना मुश्किल हो चुका है.