* असंगठित मजदूरों का सम्मेलन आयोजित
जमुई : ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ टेड यूनियन(ऐक्टू) के तत्वावधान में मंगलवार को स्थानीय गांधी पुस्तकालय सभागार में असंगठित मजदूरों का एक दिवसीय सम्मेलन का आयोजन कामरेड वासुदेव राय की अध्यक्षता में किया गया. मौके पर अध्यक्षीय संबोधन में श्री राय ने कहा कि एक तरफ सरकार दलित, महादलित व अतिपिछड़ा का राग अलाप कर सत्ता में काबिज है.
वहीं दूसरी और बीड़ी मजदूर निर्माण व अन्य असंगठित मजदूरों के हित में जो भी कानून बना है उसे लागू करने में टालमटोल, मजदूरों के राहत में कटौती व उनका फंड हड़पने का साजिश किया जा रहा है. बिहार राज्य मजदूर निर्माण यूनियन के महासचिव तथा कर्मकार कल्याण बोर्ड के सदस्य आर एन ठाकुर ने कहा कि आजादी के बाद भी मजदूरों के प्रति सरकार का रवैया बेहद उदासीन है.
मंहगाई की अपेक्षा कम मजदूरी, नियमित काम का अभाव व सामाजिक सुरक्षा से वंचित असंगठित मजदूर दोयम दर्जे के नागरिक के रुप में जीवन-यापन कर रहे हैं. बीड़ी निर्माण मजदूरों को सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी का आधा तिहाई हिस्सा भी नहीं दिया जाता है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि बथानी टोला नगरी,खगड़ी,नारायणपुर आदि स्थानों पर गरीबों का नरसंहार करने वाले हत्यारों को न्यायालय से रिहा करवा दिया गया.
जबकि खगड़िया के निर्दोष आदिवासियों को झूठे मुदकमें में फंसाया जा रहा है और फारबिसगंज में जमीन दखल करने के लिए गरीबों पर गोली चलायी जा रही है. कामरेड के. एस. शर्मा ने कहा कि यह सरकार जहां एक ओर न्याय के साथ विकास की बात करती है. वहीं अपना हक मांगने वाले आशा व आंगनबाड़ी तथा शिक्षकों पर लाठी चार्ज किया जाता है. संगठित राजनीतिक शक्ति के बल पर ही जन्म विरोधी नीतियों से सरकार को पीछे धकेला जा सकता है.
भाकपा माले जिला सचिव शंभूशरण सिंह ने कहा कि मजदूरों की व्यापक गोलबंदी व एकताबद्ध आंदोलन के लिए उठ खड़ा होने की जरुरत है. राज्य एवं केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी रवैये को समझने तथा भ्रष्टाचार के खिलाफ सजग होकर आंदोलन करना आवश्यक हो गया है. इस अवसर पर खेमस नेता कल्लू मरांडी, जयराम तूरी, सुरेंद्र यादव,सबिता देवी, जुबैर खान व आरती देवी समेत दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद थे.