मनुष्य में सदा से अमर होने की लालसा रही है. प्राचीन काल में भी इसके लिए कई विधियां थी. देवतागण द्वारा दिये गये अमृत के सेवन से मनुष्य अमर हो जाता था. कठोर तपस्या से भी मनुष्य अमर हो जाता था. किन्तु आधुनिक युग में अमर होने की अब तक कोई विधि विकसित नही हो सकी है. पहली बार एक रुसी अरबपति ने वैज्ञानिक विधि से मनुष्य को अमर बनाने की परियोजना पर काम शुरु कराया है.
रुसी अरबपति दमित्रि इत्सकोव की योजना मशीन और मानव मस्तिक के संयोग से एक ऐसे इंसान तैयार करने की है जिनकी कभी भी मौत न हो. वैज्ञानिक भाषा में इस तरह के मनुष्य को साइबोर्ग कहा जाता है. इत्सकोव का लक्ष्य वर्ष 2045 तक इस परियोजना को पूरा कर लेने का है. इत्सकोव ने इस तरह के मनुष्य का निर्माण चार चरणों में पूरा करने की बात कही है.

प्रथम चरण- इस चरण में ‘अवतार ए’ को तैयार किया जाएगा. इसके अंतर्गत व्यक्ति केवल अपने दिमाग के द्वारा मशीनी इंसानी प्रतिकृति को नियंत्रित कर सकेगा. शोधकर्ताओं के अनुसार पहले से ही ब्रेन मशीन इंटरफेस (बीएमआई) तकनीक मौजूद है जो अवतार ए को विकसित करने में मदद कर सकता है. इस चरण में रिमोट से संचालित मानव शरीर की यांत्रिक संरचना तैयार की जाएगी.
दूसरा चरण- इस चरण में 2025 तक ‘अवतार बी’ का निर्माण किया जाएगा. इस योजना के अंतर्गत व्यक्ति की मौत के बाद उसके मस्तिष्क को निकालकर एक मशीनी शरीर में प्रत्यारोपित कर दिया जाएगा.
तीसरा चरण– इस चरण के 2035 में पूरा होने की आशा है. इसमें ‘अवतार सी’ का विकास किया जाएगा. इस योजना में अवतार बी की तरह अवतार सी में भी दिमाग प्रत्यारोपित किया जाएगा लेकिन पिछले चरण से अलग इस चरण में मशीनी मानव की भावनाएं और आदतें भी उस व्यक्ति की तरह होगी जिसका दिमाग प्रत्यारोपित किया जाएगा. इसके लिए उस वास्तविक मनुष्य की मानवीय चेतना का कंप्यूटर मॉडल भी तैयार किया जाएगा.
चौथा व अंतिम चरण– इस परियोजना का अंतिम चरण 2045 में पूरा होगा. इसका पूर्ण विकसित रुप ‘अवतार डी’ होगा. इस तरह से विकसित अवतार डी एक पूर्ण विकसित मानव होगा और यह बाहरी नियंत्रण से पूरी तरह मुक्त होगा.
(संकलन व अनुवाद- मनोज अग्रवाल)