हावड़ा : मानसून की फुहार से भले ही उमस भरी गरमी से राहत मिली है, लेकिन मानसून की दस्तक ने हावड़ा के लोगों की चिंता बढ़ा दी है. स्थानीय लोग जलजमाव को लेकर परेशान हैं.
हल्की बारिश में ही जगह-जगह जलजमाव हो जाने से लोगों को परेशानी ङोलनी पड़ रही है. जिले का ह्दय स्थल कहा जानेवाला हावड़ा मैदान क्षेत्र भी जलजमाव से मुक्त नहीं है. हावड़ा नगर निगम की मेयर ममता जायसवाल के निवास स्थान के आसपास भी जलजमाव से लोगों को जूझना पड़ रहा है.
जलजमाव की समस्या इस शहर के लिए नयी बात नहीं है. जब हावड़ा, नगरपालिका के अधीन था, तब भी जलजमाव से लोगों को जूझना पड़ता था और जब नगर निगम के अधीन हुआ, तब भी समस्या जस की तस बनी हुई है. जल निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने से बरसात में नारकीय स्थिति हो जाती है.
नगर निगम के चुनाव और बजट, दोनों में ही जल निकासी की समस्या को हल करने की प्राथमिकता दी जाती है, मगर नतीजा ढाक के तीन पात. शहरवासी जलजमाव से जूझने को मजबूर हैं.
इस समस्या को लेकर विपक्षी पार्षद आरोप लगाते रहे हैं. हालांकि सत्ता पक्ष के पार्षदों और मेयर का दावा है कि चूंकि यह शहर पूर्व नियोजित नहीं है, इसलिए जलनिकासी व्यवस्था को सुचारू करने में तकनीकी गड़बड़ी आती है. मगर इस दावे से न ही विपक्षी संतुष्ट होते हैं और न ही शहरवासी.