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आंख के अंधे और बग़ल में बंदूक़

विलियम क्रेमर बीबीसी वर्ल्ड सर्विस अमरीका में दृष्टिहीन होने के बावजूद आप हथियार रख सकते हैं. ऐसे दृष्टिहीनों का कहना है कि वो बस अपने संवैधानिक अधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं और उनसे जनता को कोई ख़तरा नहीं है. जब कैरे मैकविलियम्स हथियार के परमिट के लिए काग़ज़ी कार्रवाई करने नॉर्थ डकोटा के फ़ार्गो […]

अमरीका में दृष्टिहीन होने के बावजूद आप हथियार रख सकते हैं. ऐसे दृष्टिहीनों का कहना है कि वो बस अपने संवैधानिक अधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं और उनसे जनता को कोई ख़तरा नहीं है.

जब कैरे मैकविलियम्स हथियार के परमिट के लिए काग़ज़ी कार्रवाई करने नॉर्थ डकोटा के फ़ार्गो में शेरिफ़ दफ़्तर पहुंचे तो स्टाफ़ ने पाया कि उनके साथ गाइड के रूप में एक कुत्ता भी मौजूद था.

डेस्क पर मौजूद महिला ने उन्हें बताया कि उन्हें लाइसेंस हासिल करने से पहले शूटिंग टेस्ट पास करना होगा तो मैकविलियम्स ने कहा कि वह ये जानते हैं.

शूटिंग टेस्ट के दिन मैकविलियम्स अपने एक दोस्त के साथ पुलिस फ़ायरिंग रेंज पहुंचे, जो ख़ुद भी परमिट पाने की कोशिश में था. निशाने पर आधे क़द के हमलावरों के कटआउट थे जो उनसे सात गज़ की दूरी पर रखे थे. मैकविलियम्स ने 0.357 मैग्नम से कई बार दाग़ा, जिनमें से सभी शाट्स उनके निशाने के सीधे दिल पर लगे.

साफ़ है उन्हें पता था कि वो क्या कर रहे थे.

सटीक निशाने में माहिर

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बंदूक़ों से मैकविलियम्स का वास्ता पहली बार 15 साल की उम्र में पड़ा जब वह एयरफ़ोर्स कडेट थे और एक सैन्य शिविर में गए थे. मैकविलियम्स ने निशाना लगाना अपने लक्ष्य की आवाज़ के आधार पर सीखा. इसका उन्हें काफ़ी फ़ायदा हुआ.

मैकविलियम्स कहते हैं कि वो दो-तिहाई दृष्टिहीनों से बेहतर निशाना लगा सकते हैं. अपने फ़ाइनल परीक्षा में उन्हें 100 में से 105 अंक मिले. इसी तकनीक का उन्होंने अक्तूबर 2000 में फ़ार्गो की पुलिस फ़ायरिंग रेंज में इस्तेमाल किया.

डिप्टी शेरिफ़ का कहना था, "बाक़ी सभी चीज़ों को देखें तो आप दृष्टिहीन हैं पर आपने टेस्ट पास कर लिया है. इसलिए आपको परमिट मिला है."

जनता के बीच हथियार लेकर निकलने का परमिट राज्य स्तर पर जारी होता है और पूरे अमरीका में इसके लिए अलग अलग नियम हैं.

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नॉर्थ डकोटा में किसी दृष्टिहीन के लिए इसे पाने पर रोक नहीं है जबकि फ़्लोरिडा में "सुरक्षित ढंग से आग्नेयास्त्र चलाने के लिए शारीरिक अक्षमता" को अयोग्यता माना गया है.

हालांकि वहां भी नॉर्थ डकोटा के लाइसेंस के साथ कोई भी दृष्टिहीन अपने हथियार के साथ निकल सकता है. कई राज्यों में लाइसेंस के लिए कोई शूटिंग टेस्ट देने की ज़रूरत भी नहीं होती.

शिकार का शौक़

नतीजतन, कोई नहीं जानता कि कितने दृष्टिहीन अमरीकियों के पास घरेलू सुरक्षा, निशाना लगाने या शिकार के लिए हथियार है.

मैकविलियम्स ने 2008 में शिकार शुरू किया. पहले वो शिकार के विरोधी थे, पर बाद में इसके ज़बर्दस्त शौकीन बन गए. वो कहते हैं कि जानवरों का शिकार कोई हंसी खेल नहीं, और बिल्कुल वैसा है जैसे युद्धक्षेत्र में स्नाइपर करते हैं, जब एक शख़्स उन्हें ज़बानी तौर पर दिशा बताते हैं.

फ़्लोरिडा में समुद्र तट पर शिकार के लिए एक कंपनी चलाने वाले मार्क क्लीमेंस कहते हैं, "हर किसी को लगता था कि वह नहीं कर सकते थे. मगर वह शिकार कर सकते थे, अगर उन्हें निर्देश मिल जाएं."

कैरी मैकविलियम्स ने क्लीमेंस के साथ मिलकर 2009 में 11 फ़ीट से लंबे एक घड़ियाल का शिकार किया. इसके बाद मैकविलियम्स ने भालू का शिकार किया है और अब अफ़्रीका में शिकार पर निकलने वाले हैं.

उनके पास ‘आठ-नौ’ बंदूक़ें हैं, जिसमें एम-16 का एक रूप एआर-15 मशीन गन है जिसे उन्होंने बतौर किशोर चलाया था. इस बीच वह दूसरे दृष्टिहीन अमरीकियों को इस बारे में गाइड करते रहे हैं कि वो कैसे बंदूक़ का लाइसेंस हासिल कर सकते हैं. उनका कहना है कि वो अब तक क़रीब 100 लोगों को गाइड कर चुके हैं.

ऐसे ही एक शख़्स हैं जिम मिएका. कैरी मैकविलियम्स जहां बेरोज़गार हैं और एक गाड़ी जैसे घर में अपनी पत्नी विक्टोरिया के साथ रहते हैं. जिम एक वित्तीय कारोबारी हैं जिनका वक़्त फ़्लोरिडा और माएन के बीच बीतता है, जहां उनका 80 एकड़ की ज़मीन पर घर है. मगर दोनों ही ऐसे शख़्स हैं जिन्हें अपनी बंदूक़ों पर गर्व है.

आवाज़ सुनकर निशाना

अपनी उम्र के दूसरे दशक में मिएका की आंखों की रोशनी और दो उंगलियां उनके रसोईघर में हुए विस्फोट में चली गईं. मिएका एक ऐसा कैमिकल बनाने की कोशिश में थे जिसे खनन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता था. पिता की मदद से उन्होंने कैमिकल इंजीनियरिंग की और अपने नाम पर 20 पेटेंट हासिल किए.

(अमरीका में घूम रही भूतनी का रहस्य)

मिएका ने कैडमियम सल्फ़ाइड फ़ोटोसैल खरीदा और दृश्य जानकारी को क्लिक्स में बदलने के लिए उसे गीगर काउंटर से जोड़ दिया. जब इस यंत्र से किसी चीज़ के किनारे को निशाना बनाया गया तो क्लिक्स तेज़ी से बढ़ गए.

54 साल के मिएका ने अब अपनी तकनीक काफ़ी विकसित कर ली है. एक बंदूक़ निर्माता की मदद से वह अब 100 गज़ पर रखे संतरे पर निशाना लगा सकते हैं. उनके मुताबिक़ पूरी दृष्टि वाले उनके चार दोस्त भी यह नहीं कर सकते. इसके बाद अब वह नेशनल राइफ़ल एसोसिएशन के निशानों पर आम शूटरों के साथ निशाना लगा सकते हैं.

उनके पिता डिक मिएका कहते हैं, "वह पहले अपने निशाने के केंद्र का पता लगाता है. इसके बाद सब कुछ शांत हो जाता है. और गोली निकलती है. वह पूरी तरह स्थिर होता है. आपको कभी पता नहीं चलेगा कि उसने गोली दाग़ी है, सिवाय उसकी आवाज़ या निशाने पर लगे निशान छोड़कर."

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