।।दक्षा वैदकर।।
कई बार यह देखने में आता है कि एक बहुत पढ़ा-लिखा व्यक्ति अपना व्यापार संभाल नहीं पा रहा है, जबकि एक कम पढ़ा-लिखा व्यक्ति एक बड़ी कंपनी का सफल मुख्य अधिकारी है. अक्सर हम ऐसे लोगों को देख यही कहते हैं कि सामनेवाले ने चापलूसी के दम पर यह पद पाया है या वह उनका रिश्तेदार है. लेकिन यह हर जगह सही हो, ऐसा जरूरी नहीं.
चापलूसी के दम पर कोई एक-दो साल उस जगह पर बना रह सकता है, लेकिन उससे अधिक समय तक टिके रहने के लिए सच में गुण होना जरूरी है. लोगों को यह समझना होगा कि गुण केवल पढ़ाई-लिखाई से नहीं आते. यह बात सच है कि पढ़ाई से व्यक्ति में किसी विषय का ज्ञान बढ़ जाता है, जिससे उस विषय के बारे में वक्त आने पर सही निर्णय लेने की क्षमता बढ़ जाती है, लेकिन सभी बातें किताबों के माध्यम से नहीं सिखायी जा सकतीं. बहुत-सी बातें व्यक्ति को बाहरी दुनिया का गहराई से अध्ययन कर खुद सीखनी होती हैं.
एक बार बीरबल किसी कार्य से कंधार गये. वहां के राजा ने उन्हें दरबार में बुलवा भेजा. जब बीरबल दरबार में गये, तो उन्होंने देखा कि एक जैसे दिखनेवाले पांच सिंहासनों पर एक ही तरह से दिखनेवाले राजा बैठे हुए हैं. पांचों एक ही तरह से मुस्कराते हुए हाथ हिलाते थे. दरबार के मंत्री ने बीरबल से कहा कि उन्हें असली राजा पहचानना होगा. बीरबल कुछ देर उन्हें देखते रहे, फिर असली राजा के सामने जाकर हाथ जोड़ कर अभिवादन किया. सभी दरबारी दंग रह गये. कंधार के मंत्री ने पूछा कि आपने कौन-सा शास्त्र पढ़ा है, जिससे आपने असली राजा को पहचान लिया? तब बीरबल ने कहा कि उसने सूक्ष्मता से अध्ययन कर अपनी बुद्धि लगा गहनता से परखने का प्रयास किया. उसने पाया कि जब भी कोई नकली राजा अपनी दाढ़ी पर हाथ फेरता व हाथ उठाता, तो उसकी निगाह असली राजा पर रहती, जबकि असली राजा कुछ भी करते वक्त किसी को नहीं देखते थे.
किसी कंपनी के मैनेजर को कंपनी चलाने के लिये अपनी पढ़ाई से ज्यादा ऑब्जव्रेशन और कॉमन सेंस का उपयोग करना होता है. ये दोनों गुण किसी भी सामान्य व्यक्ति को महान बना सकते हैं. बस इसके लिए दिल से प्रयास करना आवश्यक होता है.
बात पते कीः
-हर चीज के पीछे की वजह जानने की कोशिश करें. दूरदृष्टि रखें. आप जितना चीजों को ऑब्जर्व करेंगे, उतना प्रोफेशन के लिए बेहतर होगा.
-अपनी आंखें और कान खुले रखें. सभी की बातों को ध्यान से सुनें और उनका विश्लेषण करें. लोगों की पसंद-नापसंद और आदतों पर गौर करें.