इस्लामाबादः अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) के फैसले के मुताबिक, सोमवार को पाकिस्तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव को राजनयिक पहुंच (कॉन्सुलर एक्सेस) मुहैया कराई गई. पाकिस्तान में डिप्टी हाई कमिश्नर गौरव अहलूवालिया कुलभूषण से मुलाकत की करेंगे. यह मुलाकात दोपहर 12 बजेहुई. 2016 में पाकिस्तान के द्वारा की गई कुलभूषण जाधव की गिरफ्तारी के बाद ऐसा पहली बार हुआ है जब जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस मिला है.
Pakistan: The meeting between India’s Deputy High Commissioner to Pakistan, Gaurav Ahluwalia and #KulbhushanJadhav begins. pic.twitter.com/nSqHGFF0nO
— ANI (@ANI) September 2, 2019
कुलभूषण जाधव के साथ होने वाली कॉन्सुलर एक्सेस मीटिंग इस्लामाबाद में पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय में होगी, गौरव अहलूवालिया विदेश मंत्रालय पहुंच गए हैं. कुलभूषण से मुलाकात करने से पहले भारत के उपउच्चायुक्त गौरव अहलूवालिया ने पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल से मुलाकात की.
#UPDATE: The meeting between India's Deputy High Commissioner to Pakistan, Gaurav Ahluwalia and Ministry of Foreign Affairs's (MoFA) Mohammad Faisal, begins. https://t.co/rGPaOo2jYu
— ANI (@ANI) September 2, 2019
विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमें उम्मीद है कि पाकिस्तान सही माहौल में स्वतंत्र, निष्पक्ष, सार्थक और अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ऑफ जस्टिस के आदेशों की भावना के अनुरूप कॉन्सुलर एक्सेस में मदद करेगा.
Govt Sources: India’s Charge d’affaires Gaurav Ahluwalia, will be meeting #KulbhushanJadhav. We hope that Pakistan will ensure right atmosphere so that the meeting is free, fair, meaningful and effective in keeping with the letter and spirit of the ICJ’s orders. https://t.co/O8fJTjJ8S9
— ANI (@ANI) September 2, 2019
इससे पहले भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी को राजनयिक पहुंच दिये जाने की शर्तों पर भारत और पाकिस्तान के बीच मतभेदों के कारण लगभग छह महीने पहले भारतीय अधिकारियों की जाधव के साथ मुलाकात पर सहमति नहीं बन पाई थी.
जाधव (49) को ‘‘जासूसी और आतंकवाद’ के आरोप में पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने अप्रैल, 2017 में मौत की सजा सुनाई थी. उसके बाद भारत ने आईसीजे पहुंचकर उनकी मौत की सजा पर रोक लगाने की मांग की थी. विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने ट्वीट किया कि भारतीय जासूस कमांडर कुलभूषण जाधव को राजनयिक संबंधों पर वियना कन्वेंशन, आईसीजे के फैसले और पाकिस्तान के कानूनों के अनुरूप राजनयिक पहुंच सोमवार (दो सितम्बर, 2019) को उपलब्ध कराई जायेगी.
उन्होंने कहा कि कमांडर जाधव जासूसी, आतंकवाद और विध्वंस के लिए पाकिस्तान की हिरासत में रहेगा. जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को भारत द्वारा हटाये जाने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच ताजा विवाद के बीच पाकिस्तान की यह पेशकश सामने आई है.
पाकिस्तान विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को उठाने का प्रयास कर रहा है लेकिन भारत का कहना है कि यह उसका आतंरिक मामला है. आईसीजे ने 17 जुलाई को पाकिस्तान को जाधव को सुनाई गयी फांसी की सजा पर प्रभावी तरीके से फिर से विचार करने और राजनयिक पहुंच प्रदान करने का आदेश दिया था.
पाकिस्तान द्वारा कथित तौर पर रखी गई शर्तों में से एक शर्त यह थी कि राजनयिक पहुंच के तहत जब जाधव को भारतीय अधिकारियों से मिलने की अनुमति दी जायेगी तो उस समय एक पाकिस्तानी अधिकारी वहां उपस्थित रहेगा. भारत ने इस शर्त पर असहमति जताते हुए अपनी स्थिति स्पष्ट की थी कि राजनयिक पहुंच बेरोकटोक होनी चाहिए और यह आईसीजे के फैसले के अनुरूप होनी चाहिए.
पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षा बलों ने जाधव को तीन मार्च, 2016 को अशांत बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया था. उन पर ईरान से यहां आने के आरोप लगे थे. हालांकि, भारत का मानना है कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया था जहां वह नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद कारोबार के सिलसिले में थे.