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लोगों के बोलने से डिस्टर्ब क्यों होते हैं?

।। दक्षा वैदकर ।। विश्व चैंपियन भारतीय महिला मुक्केबाज के जीवन पर बन रही फिल्म ‘मैरी कॉम’ का ट्रेलर पिछले दिनों रिलीज हुआ. इसमें मैरी कॉम की भूमिका प्रियंका चोपड़ा निभा रही हैं, जिन्होंने ट्रेलर के जरिये दिखा दिया कि फिल्म के लिए उन्होंने कितनी मेहनत की है. ट्रेलर लॉन्च के दौरान जब एंकर ने […]

।। दक्षा वैदकर ।।

विश्व चैंपियन भारतीय महिला मुक्केबाज के जीवन पर बन रही फिल्म ‘मैरी कॉम’ का ट्रेलर पिछले दिनों रिलीज हुआ. इसमें मैरी कॉम की भूमिका प्रियंका चोपड़ा निभा रही हैं, जिन्होंने ट्रेलर के जरिये दिखा दिया कि फिल्म के लिए उन्होंने कितनी मेहनत की है.

ट्रेलर लॉन्च के दौरान जब एंकर ने पूछा कि आप बहुत अलग-अलग तरह के रोल करती हैं. कभी बर्फी फिल्म की ङिालमिल, तो कभी बॉक्सर. आप मॉडल, एक्टर, सिंगर सब कुछ हैं. मल्टी टैलेंटेड हैं.

प्रियंका ने कहा कि मैं खुद को सरप्राइज देती रहती हूं. अगर कोई मुझे कहता है कि तुम यह काम नहीं कर सकती, तो मेरा उत्साह और बढ़ जाता है. मैं अपनी पूरी ताकत लगा देती हूं कि वह काम परफेक्ट तरीके से कर के सामनेवाले को जवाब दे सकूं.

प्रियंका की इस बात से उन सभी लोगों को प्रेरणा लेनी चाहिए, जो दूसरों के टोकने पर डिस्टर्ब हो जाते हैं और उस काम को ही छोड़ देते हैं. हमारे बीच ऐसे कई लोग हैं, जो कुछ करना चाहते हैं, लेकिन जब आस-पास के लोग उन्हें कहते हैं कि यह तेरे बस की बात नहीं.

फालतू रुपये खर्च मत कर. टाइम बर्बाद मत कर. वे उनकी बात मान लेते हैं. क्यों नहीं हम प्रियंका की तरह खुद को साबित करने का चैलेंज ले लें. क्या हमें खुद से ज्यादा उन लोगों पर भरोसा होता है? क्या वे लोग जानते हैं कि हमारी क्षमताएं, काबिलीयत क्या है और हम उस चीज को पाने के लिए कितने ज्यादा बेचैन हैं?

निश्चित रूप से लोग यह सब नहीं जानते, तो फिर हम पर उनके बोलने का इतना असर क्यों पड़ता है? हालांकि, कुछ करीबी इस बारे में नेक राय भी देते हैं, इसलिए बेहतर है कि जब भी लोग किसी काम को करने से रोकें, आप पर हंसें या आपको टोकें, तो पहले आत्म अवलोकन कर लें.

खुद की परीक्षा ले कर इस बात को पहले जांच लें कि क्या सचमुच आप इस काम को कर सकते हैं? जब दिल से आवाज आये कि आप कर सकते हैं और आपको यकीन हो कि आप इस काम को पूरा करने के लिए दिन-रात एक कर देंगे, तो आप इस चैलेंज को अवश्य स्वीकार करें.

बात पते की..

– हर व्यक्ति दिल के किसी कोने में यह जानता है कि वह इस काम को पूरा कर सकता है या नहीं. अपनी इस आवाज को सुनने की कोशिश करें.

– किसी ने सच ही कहा है, ‘कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना.’ बस लोगों की बातों को इग्नोर करें और केवल ड्रीम पर फोकस करें.

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