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विमान हादसाः नीदरलैंड्स पहुंचे मृतकों के शव

बुधवार को मलेशिया एअरलाइंस के एमएच-17 विमान हादसे में मारे गए 40 लोगों के शव विमानों से नीदरलैंड्स के आइंडहोवेन एयर बेस पर लाए गए हैं. इन चालीस शवों को हिलवेरसम क़स्बे के लिए रवाना कर दिया गया है जहां इनकी पहचान की जाएगी. विमान हादसे के सभी 298 मृतकों की याद में नीदरलैंड्स में […]

बुधवार को मलेशिया एअरलाइंस के एमएच-17 विमान हादसे में मारे गए 40 लोगों के शव विमानों से नीदरलैंड्स के आइंडहोवेन एयर बेस पर लाए गए हैं.

इन चालीस शवों को हिलवेरसम क़स्बे के लिए रवाना कर दिया गया है जहां इनकी पहचान की जाएगी.

विमान हादसे के सभी 298 मृतकों की याद में नीदरलैंड्स में एक दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया गै. हादसे में मारे गए अधिकतर लोग डच थे.

इस दौरान लोगों ने एमस्टरडम में शांति मार्च का आयोजन किया गया और एक मिनट का मौन भी रखा गया.

शवों की पहचान

ऐसा कहा जा रहा है कि शवों की पहचान करने की प्रक्रिया में महीनों लग सकते हैं.

गुरुवार को दो और विमान शवों को लेकर नीदरलैंड्स पहुंचने वाले हैं.

हादसे में मारे गए लोगों के शवों को इकट्ठा करने में देरी को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाराजगी है.

वहीं यूक्रेन में रूस समर्थक एक अलगाववादी नेता ने आरोप लगाया है कि आर्गेनाइजेशन फॉर सिक्योरिटी एण्ड कोऑपरेशन इन यूरोप (ओएससीई) के अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों ने विमान हादसे के पीड़ितों के शव उठाने से उऩके सहयोगियों को रोका था.

दबाव की स्थिति

अलेक्जेंडर बोर्दोई ने कहा कि उन्हें धमकी दी गई थी कि फ़ॉरेंसिक विशेषज्ञों के आने से पहले से ऐसा किया गया तो इसके गंभीर परिणाम होंगे.

उन्होंने बीबीसी से कहा, "हम शव इकट्ठे करना चाहते थे. लेकिन हम ओएससीई प्रतिनिधियों के दबर्दस्त दबाव में थे. हमने एक दिन इंतज़ार किया. दो दिन इंतज़ार किया. तीन दिन इंतज़ार किया."

उन्होंने आगे कहा, "लेकिन कोई विशेषज्ञ नहीं आया. 30 डिग्री के तापमान में शवों को बाहर छोड़ना बेतुका और अमानवीय था."

लेकिन ओएससीई के प्रवक्ता माइकल बोसियुरकीव ने इससे इनकार किया कि उन्होंने विद्रोहियों को हादसे में मारे गए लोगों के शवों को हटाने से रोक था.

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