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”पापा को पिटते देखना अच्छा लगता था”

श्रद्धा कपूर जब अपने पिता शक्ति कपूर की बड़े पर्दे पर ताबड़तोड़ पिटाई देखती थीं तो कैसा महसूस करती थीं ? श्रद्धा कहती हैं, "मुझे बड़ा मज़ा आता है. फ़िल्मों में पापा को पिटते देखना फिर उन्हें हीरो को पीटते देखना बड़ा अच्छा लगता था. मैं तो तभी से फ़िल्मों की दीवानी बन गई थी." […]

श्रद्धा कपूर जब अपने पिता शक्ति कपूर की बड़े पर्दे पर ताबड़तोड़ पिटाई देखती थीं तो कैसा महसूस करती थीं ?

श्रद्धा कहती हैं, "मुझे बड़ा मज़ा आता है. फ़िल्मों में पापा को पिटते देखना फिर उन्हें हीरो को पीटते देखना बड़ा अच्छा लगता था. मैं तो तभी से फ़िल्मों की दीवानी बन गई थी."

(प्रियंका का सातवां सुर)

हिंदी फ़िल्मों के मशहूर खलनायक शक्ति कपूर की बेटी श्रद्धा कपूर ने फ़िल्म ‘आशिक़ी-2’ से ख़ासी लोकप्रियता कमाई और अब उनकी फ़िल्म ‘एक विलेन’ शुक्रवार को बड़े पर्दे पर आई है.

इसी फ़िल्म के सिलसिले में मीडिया से बात करते हुए श्रद्धा ने अपने बचपन की भी बातें बताईं.

पापा का ख़ौफ़

उनके पिता शक्ति कपूर पर्दे पर जैसे किरदार निभाते थे, उसकी वजह से उनकी सहेलियों के बीच शक्ति कपूर की छवि बेहद ख़राब थी.

(आलिया की खिल्ली)

श्रद्धा बताती हैं, "मेरी सहेलियां घर आने से डरती थीं. मेरे पापा का ख़ौफ़ था उनके मन में. तब मैं समझाती कि क्या पागलपन है. वह सिर्फ़ रोल निभाते हैं. असल जीवन में ऐसे नहीं हैं."

श्रद्धा के मुताबिक़ जब उनकी सहेलियां उनके पिता से मिलीं तो उनकी सारी ग़लतफ़हमी दूर हुई और वे उनकी फ़ैन बन गईं.

ख़ुद को श्रेय

फ़िल्मी परिवार से आईं श्रद्धा, बॉलीवुड में आए बदलाव के लिए ख़ुद की पीठ ठोकना नहीं भूलतीं.

वह हिंदी फ़िल्मों में आए तमाम नए चेहरों जैसे अर्जुन कपूर, आलिया भट्ट, वरुण धवन (जो कि सब फ़िल्मी परिवारों से आए हैं) की तारीफ़ करते नहीं थकतीं और ऐलान कर देती हैं कि इन्हीं सब ने स्थापित सुपरस्टार्स के साम्राज्य को चुनौती दी और कामयाबी हासिल की.

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