गूगल के स्वामित्व वाले यू-ट्यूब ने अमरीका के कैलिफोर्निया में पिछले हफ्ते छह छात्रों की गोली मार कर हत्या करने वाले इलियट रोजर के वीडियो पोस्ट को हटा लिया है.
यू-ट्यूब का कहना है कि वीडियो क्लिप से हिंसा को बढ़ावा देने वाली वीडियो न दिखाने की सेवा शर्त का उल्लंघन हो रहा था.
वेबसाइट की एक प्रवक्ता ने कहा, "यह वीडियो यू-ट्यूब के दिशा-निर्देशों के खिलाफ थी, इसलिए इन्हें सूचित किए जाने पर हटा लिया गया."
लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि हटाए जाने के कारण यह और भी तेज़ी से इंटरनेट पर फैलेगी.
‘एक चुनौती’
रोजर ने यह हत्याएं करने से पहले अपनी योजना की वीडियो बना कर वी़डियो शेयरिंग वेबसाइट यू-ट्यूब पर डाली थी.
इस घटना से यह प्रश्न उठ रहे हैं कि क्या ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए भी तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकता है.
ऑक्सफोर्ड इंटरनेट इंस्टीट्यूट के प्रयोगधर्मी मनोवैज्ञानिक एंड्रू प्रिज़ीबिल्स्की का मानना है कि वीडियो साझा करने वाली वेबसाइट पर विकृत व्यवहार को रोकने के लिए तकनीक का प्रयोग करना एक चुनौती रहा है.
उनका कहना है, "लोग इस सामाजिक समस्या के लिए गूगल से हल माँगते रहे हैं. लेकिन निगरानी करने की कोशिश करने से बहुत से ग़लत अलार्म बजेंगे."
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