!!अंजनी कुमार सिंह!!
नयी दिल्ली : भाजपा की जीत ने एक बार फिर से साबित किया है कि प्रधानमंत्री मोदी के कामों पर जनता का भरोसा बरकरार है. जो क्षेत्र भाजपा के लिए काफी कठिन माने जा रहे थे, उन क्षेत्रों में भी भाजपा ने जीत दर्ज की है. इससे पता चलता है कि मतदाता प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किये गये कामों को जारी रखने के पक्ष में है. जीएसटी और नोटबंदी को लेकर व्यापारियों की नाराजगी के बाद भी सूरत की 16 में से 15 सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की है.
सूरत शहर के 12 सीटों पर भाजपा का कब्जा बरकरार रहा है. उसी तरह से अहमदाबाद, बड़ौदा, जैसे शहरों में भी भाजपा की जीत ने यह साबित किया है कि पीएम मोदी के सुधारात्मक कार्यों को राज्य की जनता पसंद कर रही है. यह कार्य आगे भी जारी रहनी चाहिए. हालांकि इन चुनाव के दौरान इन शहरी क्षेत्रों में खासकर व्यापारियों के बीच काफी रोष देखा जा रहा था, लेकिन इन शहरी क्षेत्र की जनता ने एक बार फिर से मोदी पर अपना भरोसा कायम रखा. इसका अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि कुछ ग्रामीण इलाकों को छोड़कर शहरी क्षेत्र की जनता ने मोदी पर अपना भरोसा कायम रखा है. चुनाव के दौरान हार्दिक फैक्टर काफी महत्वपूर्ण रहा, लेकिन सौराष्ट्र के इलाकों को छोड़कर पूरे गुजरात में हार्दिक पटेल को कोई प्रभाव नहीं दिखा. मेहसाणा जो पाटीदार आरक्षण के लिए सबसे महत्वपूर्ण रहा है उस सीट पर भी भाजपा ने कब्जा बरकरार रखा है. अहमदाबाद में 21 सीटों में से 16 पर भाजपा और 5 पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है.
वहीं राजकोट के शहरी चारों सीटों पर भाजपा ने कब्जा जमाया है. मध्य गुजरात में 61 सीटों में से 37 पर भाजपा को जीत मिली है, जबकि 22 पर कांग्रेस तथा दो पर अन्य चुनाव जीते है. वहीं दक्षिण गुजरात में 35 सीटों में से 25 पर भाजपा ने जीत दर्ज की है, जबकि कांग्रेस के खाते में सिर्फ 10 सीटें गयी है. मध्य गुजरात के बड़ोदरा में कुल नौ सीटों में से भाजपा ने आठ पर जीत दर्ज की है. सौराष्ट्र के नुकसान की भरपायी भाजपा ने मध्य गुजरात और दक्षिण गुजरात से की है. उत्तर गुजरात में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे का मुकाबला रहा. क्योंकि उत्तर गुजरात और सौराष्ट्र में पटेलों की संख्या अधिक है. इन जगहों पर कांग्रेस की बढ़त मिली है. सबसे महत्वपूर्ण यह रहा कि जहां भाजपा के सभी बड़े नेता चुनाव जीत गये हैं.
जहां कभी नहीं जीती भाजपा
1. बोरसद (आणंद)
इस सीट से राजेंद्र सिंह परमार चुनाव जीते
2. महुधा (खेड़ा)
छह बार से नटवर सिंह ठाकोर (कांग्रेस के जीत रहे हैं)
3. व्यारा (सूरत)
कांग्रेस के गामीत पुनाभाई ढेडाभाई जीते
4. झागड़िया (भरुच)
आदिवासी बहुल सीट से छोटू भाई वसावा जीतते रहे हैं.
चार सीटें जिसने जीते
उसकी बनी सरकार
1. अल्पाड़ : भाजपा का गढ़
1985 के बाद कभी नहीं हारी भाजपा
2. नवसारी
1990 से जीत रही है भाजपा
3. सूरत वेस्ट
1990 से भाजपा का कब्जा
4. सूरत नार्थ
1990 से ही भाजपा का दबदबा