Full Form of SIM Card: आज के समय में हर कोई स्मार्टफोन का इस्तेमाल कर रहा है. फोन के इजात के पीछे दूर रहकर अपनों से बात करना मुख्य कारण था. आज भी कारण वही है लेकिन आज फोन स्मार्टफोन हो गया है. लेकिन आज भी किसी से बात करने के लिए हमें Sim Card की जरूरत पड़ती है. Sim Card के बिना स्मार्टफोन किसी डब्बे से कम नहीं है. क्योंकि, बिना Sim Card के न तो आप किसी को कॉल कर सकते हैं और न ही इंटरनेट डेटा का इस्तेमाल कर सकते हैं. लेकिन आज भी 99% लोगों को सिम कार्ड के पूरे नाम के बारे में नहीं पता. कई लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है कि Sim Card कैसे काम करता है. अगर आप भी इस बारे में नहीं जानते तो आपके लिए ये आर्टिकल खास है. आज हम आपको बताएंगे Sim Card से जुड़ी हर जानकारी.
हो जाओ तैयार! फुलेरा गांव की पंचायत बिना पैसे दिए देखने का Secret अब खुलेगा
Sim Card क्या है और इसकी फुल फॉर्म
सबसे पहले जानते हैं कि Sim Card क्या है और इसका पूरा नाम क्या है. SIM जिसका फुल फॉर्म सब्सक्राइबर आइडेंटिटी मॉड्यूल (Subscriber Identity Module) है, एक छोटा सा स्मार्ट कार्ड है. जिसमें एक सिलिकॉन चिप लगी हुई होती है. इसका इस्तेमाल करने के लिए इसे GSM (Global System for Mobile) मोबाइल फोन में लगाना पड़ता है. सिम कार्ड में लगी चिप GSM मोबाइल फोन में यूजर्स के लिए डाटा स्टोर करता है. जैसे कि, यूजर का फोन नंबर, लोकेशन, यूजर की पहचान, सिक्योरिटी की (Security key), पर्सनल डाटा, मोबाइल कांटेक्ट लिस्ट, नेटवर्क ऑथराइजेशन और टेक्स्ट मैसेज आदि.
यूजर की Customer ID कि जानकारी भी सिम कार्ड में ही होती है, न कि मोबाइल फोन में. इसलिए यूजर जरूरत पड़ने पर सिम कार्ड को दूसरे फोन में भी लगा कर भी इस्तेमाल कर पाते हैं. बता दें कि, SIM Card का यूज सिर्फ GSM मोबाइल फोन पर ही हो सकता है. CDMA (Code Division Multiple Access) फोन होने पर सिर्फ LTE Enable हैंडसेट में ही सिम कार्ड का इस्तेमाल किया जा सकता है.
Sim Card के प्रकार
मुख्य रूप से SIM Card तीन प्रकार के होते हैं. जिसमें माइक्रो सिम, नैनो सिम और ई-सिम शामिल है. माइक्रो सिम कि बात करें तो यह पुराने फोन में इस्तेमाल होता है. नैनो सिम माइक्रो से थोड़ा छोटा होता है, जिसे आजकल के स्मार्टफोन में इस्तेमाल किया जा रहा है. वहीं, ई-सिम एक एम्बेडेड सिम है, जो फोन में पहले से लगा हुआ होता है और उसे बदला नहीं जा सकता.
इसके अलावा सिम कार्ड को प्रीपेड और पोस्टपेड तरीके से इस्तेमाल किया जाता है. प्रीपेड जिसमें आपको पहले सर्विस का फायदा उठाने से पहले रिचार्ज के लिए पैसे देने पड़ते हैं. वहीं, पोस्टपेड में सर्विस का फायदा उठाने के बाद आपको पैसे देने पड़ते हैं.
कैसे बनता है Sim Card?
SIM Card को बनाने के लिए प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जाता है. प्लास्टिक के एक छोटे टुकड़े को शेप दिया जाता है और उसमें एक सिलिकॉन चिप को फिट किया जाता है. उसके बाद एक कोड के जरिए Jio, Airtel, Vi और BSNL नेटवर्क से कनेक्ट किया जाता है. फिर जैसे ही आप अपने फोन में सिम कार्ड को लगाते हैं, तो यह थोड़े देर में नेटवर्क से कनेक्ट हो जाता है. जिसके बाद आप कॉलिंग से लेकर इंटरनेट का इस्तेमाल कर पाते हैं.
कैसे काम करता है Sim Card?
हर सीन कार्ड में अलग जानकारी होती है, जिसे IMSI (International Mobile Subscriber Identity) और ICCID (Integrated Circuit Card Identifier) के रूप में जाना जाता है. IMSI को सिम कार्ड में लगे चिप के अंदर 64-बिट नंबर के रूप में स्टोर किया जाता है और यह यूजर के लिए वेरीफिकेशन और सुरक्षा प्रदान करने का काम करता है. ऐसे में जब आप नया सिम कार्ड फोन सेवा नेटवर्क से जुड़ता है, तो IMSI और एक Authentication Key Service Provider को वेरीफाई करने के लिए भेजी जाती है,कि संलग्न डिवाइस खरीदने वाले यूजर की है. जब दोनों क्रेडेंशियल Provider के रिकॉर्ड से मैच हो जाते हैं तो डिवाइस को फोन सेवा नेटवर्क तक पहुंच दी जाती है.
Sim Card से कॉल कैसे होती है?
MTSO Landline System PSTN से जुड़े होते हैं. ऐसे में जब आप कॉल करते हैं तो आपके फोन का सिग्नल अपके पास के बेस स्टेशन के MTSO PSTN तक जाता है, जो इसे PSTN में बदल देता है. अब जिस नंबर पर यूजर कॉल कर रहा है, उसके पास वाले MTSO तक ले जाया जाता है. जिससे सामने वाले व्यक्ति के फोन की घंटी बजती है. यह प्रोसेस इतना जल्दी होता है कि यूजर्स को पता भी नहीं चल पाता.
क्या है Mobile e-voting? जानें किस राज्य में शुरू हुई यह सेवा और किसे मिलेगा फायदा