अगर आप निजी या कमर्शियल वाहन का इस्तेमाल करते हैं तो ये खबर आपके काम की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय ऑटोमोबाइल स्क्रैपेज नीति लॉन्च कर दी है. यह प्रदूषण को कम करने के लिए केंद्र सरकार का एक बड़ा प्रयास है. यह पॉलिसी लॉन्च करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि स्क्रैपेज नीति से आत्मनिर्भरता बढ़ेगी.
प्रधानमंत्री ने इन्वेस्टर समिट को संबोधित करते हुए कहा कि स्क्रैपेज नीति से 10 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा. साथ ही अगले 25 साल में बहुत कुछ बदल जाएगा. उन्होंने कहा कि विकास को पर्यावरण के अनुकूल बनाना सरकार की प्राथमिकता है. देश की अर्थव्यवस्था के लिए मोबिलिटी बड़ा फैक्टर है, आर्थिक विकास में यह काफी मददगार होगा. इससे रोजगार के अधिक अवसर सृजित होंगे.
स्क्रैप पॉलिसी क्या है?
नयी स्क्रैप पॉलिसी के तहत 15 और 20 साल पुराने वाहनों को कबाड़ में डाला जाएगा. व्यावसायिक वाहन को 15 साल और निजी गाड़ी को 20 साल बाद ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर ले जाना होगा. यहां यह बताया जाएगा कि आपकी गाड़ी आगे चलने लायक है या नहीं. गाड़ी अगर चलने लायक नहीं होगी, तो सरकार द्वारा तय फॉर्मूले के आधार पर पुराने के बदले नयी गाड़ी खरीदने पर आपको छूट मिलेगी. ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर का संचालन प्राइवेट कंपनियां करेंगी और इन्हीं निवेशकों को लुभाने के लिए शुक्रवार को समिट का आयोजन किया गया है.
स्क्रैप पॉलिसी से किसको होगा फायदा?
सरकार की व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी वाहन से मालिकों को आर्थिक नुकसान कम होगा. इसके साथ ही, सड़क दुर्घटनाएं कम होंगी और जीवन सुरक्षित होगा. नये वाहनों में ज्यादा सुरक्षा मानकों का पालन होगा. पुराने वाहनों के स्क्रैप से प्रदूषण कम होगा. बजट में भी वित्त मंत्री नयी स्क्रैप पॉलिसी का जिक्र कर चुकी हैं, वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार ने अगले 5 सालों में 2 हजार करोड़ रुपये खर्च करने का बजट तय किया है.