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मालदा कॉलेज प्रबंधन के साथ बैठक करेंगे वीसी
मालदा : हाल ही में मालदा में हुई मुख्यमंत्री की प्रशासनिक बैठक के दौरान गौड़बंग विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर (वीसी) गोपाल चंद्र मिश्र के गैरहाजिर रहने पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तीखी नाराजगी जतायी थी. मुख्यमंत्री के गुस्से का कारण मालदा कॉलेज में पीजी की परीक्षा के दौरान सामने आया कुप्रबंधन था. पूरे मामले को […]
मालदा : हाल ही में मालदा में हुई मुख्यमंत्री की प्रशासनिक बैठक के दौरान गौड़बंग विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर (वीसी) गोपाल चंद्र मिश्र के गैरहाजिर रहने पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तीखी नाराजगी जतायी थी. मुख्यमंत्री के गुस्से का कारण मालदा कॉलेज में पीजी की परीक्षा के दौरान सामने आया कुप्रबंधन था. पूरे मामले को बिगड़ते देख विश्वविद्यालय प्रबंधन ने मालदा कॉलेज प्रबंधन के साथ बैठक करने की बात कही है.
उल्लेखनीय है कि गत चार मई को मालदा कॉलेज अडिटोरियम में जिले की प्रशासनिक बैठक थी. बैठक में मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद, विभिन्न विभागों के प्रधान सचिव, जिला अधिकारी, पुलिस अधीक्षक आदि उपस्थित थे. लेकिन आश्चर्यजनक रूप से गौड़बंग विश्वविद्यालय का कोई भी उच्च पदाधिकारी बैठक में नहीं पहुंचा. मुख्यमंत्री की बैठक में अतिरिक्त प्रभार प्राप्त एक सहायक रजिस्ट्रार को भेजा गया था. मुख्यमंत्री ने उनसे पूछा कि मालदा कॉलेज में एक बेंच पर पांच-पांच परीक्षार्थियों को क्यों बैठना पड़ा. इसका कोई समुचित जवाब सहायक रजिस्ट्रार नहीं दे पाये. इसके बाद मुख्यमंत्री का गुस्सा फुट पड़ा. उन्होंने उसी बैठक में मौजूद राज्य के शिक्षा सचिव दुष्यंत नारिवाला को मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया.
मुख्यमंत्री के गुस्से की जानकारी मिलने के बाद वीसी गोपाल मिश्र उसी दिन आयोजित मुख्यमंत्री की जनसभा में पहुंचे. उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि उन्हें बैठक का आमंत्रण नहीं मिला था. रजिस्ट्रार को चिट्ठी भेजी गयी थी. रजिस्ट्रार के नहीं रहने पर सहायक रजिस्ट्रार बैठक में गये थे.
वीसी के इस कथन को जिला प्रशासन ने खारिज किया है. जिला प्रशासन से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि अपना पल्ला छुड़ाने के लिए विश्वविद्यालय के वीसी झूठ बोल रहे हैं.
यह सही है कि गौड़बंग विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को आमंत्रण भेजा गया था. लेकिन यह भी सच है कि बीते ढाई सालों से रजिस्ट्रार का दायित्व खुद वीसी ही संभाल रहे हैं. इसलिए वह वीसी होने के साथ-साथ रजिस्ट्रार भी हैं. इसलिए उन्हें बैठक में खुद आना चाहिए था. जिला अधिकारी तन्मय चक्रवर्ती ने कहा कि वीसी को नियमानुसार चिट्ठी भेजी गयी थी. बाकी इस मामले में जो कहना है, वह वीसी ही कहेंगे.
इधर, विश्वविद्यालय सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री के रुख को देखते हुए मालदा कॉलेज में चल रही परीक्षा की समस्या को लेकर वीसी खुद मालदा कॉलेज प्रबंधन के साथ बैठना चाहते हैं. हालांकि कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि अभी तक उसे बैठक के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है.
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