अब यह टेस्ट मुफ्त होने पर रोगियों और उनके परिजनों ने खुशी जतायी है. मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने बताया कि इसके अलावा आगामी 12 अप्रैल से मदर एंड चाइल्ड हब भी काम करने लगेगा. शुरुआती तौर पर दो मंजिलों में होगा. मई महीने में सभी तीन मंजिलों में काम होने लगेगा.
जिला अधिकारी ने बताया कि रोगियों के रिश्तेदारों के रात्रिनिवास के लिए नये भवन में आश्रय की व्यवस्था की गयी है. उसमें कैंटीन की भी व्यवस्था की जा रही है. कैंटीन का दायित्व आनंदधारा नाम एक स्वयं सहायता समूह को दिया गया है. साथ ही मेडिकल कॉलेज में दवाओं और मेडिकल सामग्री की उपलब्धता को ऑनलाइन किया जायेगा. संबंधित वार्ड की नर्सें ऑनलाइन देख पायेंगी कि रोगियों के लिए जरूरी दवाएं जरूरत के अनुसार उपलब्ध हैं या नहीं. इससे बाहर से दवा मंगाने के चलन में कमी आयेगी. मेडिकल कॉलेज में उचित मूल्य की दवा दुकान पहले ही राज्य सरकार शुरू करा चुकी है.
मेडिकल कॉलेज के उप प्राचार्य अमित दां ने बताया कि पहले इलाज मुफ्त होता था. इसके बाद दवाओं को मुफ्त किया गयया. अब मेडिकल कॉलेज में एमआरआइ जैसी महंगी जांच भी मुफ्त कर दी गयी है. अब मरीजों को बाहर में महंगा एमआरआइ कराने की भी जरूरत नहीं है.