इस नगरपालिका के चेयरमैन कार्तिक घोष हैं. उनके कार्यों को लेकर तृणमूल के ही कई पार्षदों ने मोरचा खोल दिया है. इनका कहना है कि नगरपालिका चेयरमैन बनने के बाद से कार्तिक घोष अपनी मर्जी चला रहे हैं. वह किसी की नहीं सुनते. पार्षदों के साथ बातचीत के बगैर ही वह निर्णय लेते हैं. इसी वजह से परेशानी हो रही है. बागी पार्षदों ने उनकी शिकायत तृणमूल नेता तथा पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष मुकुल राय से की है. इन लोगों ने कार्तिक दास से इस्तीफे की भी मांग की है.
मुकुल राय शनिवार को मालदा आये हुए थे. उन्होंने कार्तिक घोष को सभी पार्षदों को साथ लेकर चलने के लिए कहा था. मुकुल राय तो कोलकाता वापस लौट गये लेकिन बागी पार्षदों के तल्ख तेवर अभी भी जारी है. रविवार को 11 तृणमूल पार्षद कोलकाता भी गये हुए हैं. यहां उल्लेखनीय है कि ओल्ड मालदा नगरपालिका में पार्षदों की कुल संख्या 20 है. इनमें से 14 तृणमूल पार्षद हैं. बाकी छह पार्षदों में तीन भाजपा, एक सीपीएम तथा दो निर्दलीय हैं. सोमवार को नगरपालिका का बजट था.
अपने ही पार्षदों के बागी तेवर की वजह से नगरपालिका चेयरमैन कार्तिक घोष बजट पेश नहीं कर पाये. इधर, ओल्ड मालदा टाउन तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष तथा पूर्व चेयरमैन विभूति घोष का कहना है कि वर्तमान चेयरमैन पार्टी से कोई बात किये बगैर ही काम कर रहे हैं. यहां तक कि पार्टी के पार्षदों से भी बातचीत नहीं की जाती है. यदि यही स्थिति रही, तो इलाके में तृणमूल के जनाधार में कमी आयेगी. राज्य के शीर्ष नेतृत्व को इसकी जानकारी दे दी गई है. दूसरी तरफ कार्तिक घोष का कहना है कि उनके खिलाफ किन पार्षदों में रोष है, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है. पार्टी जैसा कहेगी वैसा करेंगे. उन्हें चेयरमैन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बनाया है. वह कोई भी गलत काम नहीं कर रहे हैं. पार्टी की ही कुछ नेता विरोधियों के साथ मिलकर उनके खिलाफ साजिश कर रहे हैं.