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मातृ सदन में रोगियों की संख्या में भारी गिरावट

सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी नगर निगम के बजट से पहले विरोधी दल तृणमूल कांग्रेस ने एक बार फिर सत्ताधारी वाम मोरचा बोर्ड पर निशाना साधा है. तृणमूल का आरोप है कि सिलीगुड़ी नगर निगम इलाके में स्वास्थ व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गयी है. सिलीगुड़ी नगर निगम के अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ केंद्र और मातृ सदन में मरीजों […]

सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी नगर निगम के बजट से पहले विरोधी दल तृणमूल कांग्रेस ने एक बार फिर सत्ताधारी वाम मोरचा बोर्ड पर निशाना साधा है. तृणमूल का आरोप है कि सिलीगुड़ी नगर निगम इलाके में स्वास्थ व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गयी है. सिलीगुड़ी नगर निगम के अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ केंद्र और मातृ सदन में मरीजों की संख्या लगातार कम हो रही है. रोगियों की संख्या और दवा खरीदने में हुए खर्च के प्रतिशत में काफी फासला बताते हुए विरोधी दल ने घोटाले का आरोप लगाया है. 25 मार्च को सिलीगुड़ी निगम का बजट 2017-18 पेश होना है.27 मार्च को बजट पर बहस की जायेगी.

उल्लेखनीय है कि नोटबंदी के बाद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने प्रसूति सहायता योजना की घोषणा की थी. इसके तहत प्रसूति महिलाओं को प्रसव के बाद सरकार की ओर से छह हजार रूपये दिये जाते हैं. आरोप है कि इस योजना का लाभ सिलीगुड़ी नगर निगम के अंतर्गत मातृ सदन में भरती गर्भवती महिलाओं को नहीं मिल रहा है. जिसकी वजह से मातृ सदन में प्रसूति महिलाओं की संख्या कम हो रही है. मातृ सदन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पहले यहां एक दिन में चार से पांच बच्चों का जन्म होता था. वर्तमान में रोजाना कभी कभार ही यहां गर्भवती महिलाएं भरती हो रही है. निगम के 23 नंबर वार्ड स्थित डाबग्राम मातृ सदन के इन्डोर में 15 बेड की व्यवस्था है. इसके अतिरिक्त आउटडोर की भी व्यवस्था है. मिली जानकारी के अनुसार आउटडोर में रोगियों की संख्या ठीक है. इन्डोर में मरीजों की संख्या में काफी गिरावट आयी है.

इधर, सिलीगुड़ी नगर निगम में विरोधी दल नेता रंजन सरकार उर्फ राणा का कहना है कि प्रधानमंत्री प्रसूति सहायता योजना कोइ नयी योजना नहीं है. राज्य सरकार पहले से ही सरकारी जिला अस्पताल व मेडिकल कॉलेज में भरती गर्भवती महिलाओं को काफी सुविधा दे रही है. उन्होंने बताया कि सिलीगुड़ी नगर निगम में करीब एक वर्ष से स्वास्थ विभाग मेयर परिषद नहीं है. इस विभाग को कौन नियंत्रित कर रहा है, कैसे कर रहा है, इसकी कोई जानकारी किसी को नहीं है. प्राथमिक स्वास्थ केंद्र और मातृ सदन के नाम पर करोड़ो रूपये की दवाइयां खरीदी जा रही है. जबकि इसके मुकाबले रोगियों की संख्या काफी कम है. बार-बार जवाब मांगे जाने के बाद भी मेयर इस विषय पर बयान नहीं दे रहे हैं. श्री सरकार ने आरोप लगाते हुए कहा कि दवा खरीदने के नाम पर धांधली हो रही है. पिछले वर्ष करीब 40 लाख की दवाइयां फेंक दी गयी थी. सिलीगुड़ी नगर निगम की स्वास्थ व्यवस्था पूरी तरह से फेल है. मेयर को इस विषय पर ध्यान देने की फुर्सत नहीं है. वे तो कोलकाता दौरे में व्यस्त हैं. आगामी बजट को लेकर श्री सरकार ने कहा कि बजट की रूप रेखा देखकर समर्थन या विरोध का निर्णय होगा.

प्रधान मंत्री की नयी योजना का लाभ नहीं

मातृ सदन के मेडिकल अधिकारी संजीव मजुमदार ने बताया कि प्रधानमंत्री प्रसूति योजना सिर्फ सरकारी अस्पतालों के लिये हैं. इस योजना का लाभ मातृ सदन में भरती महिलाओं को नहीं मिलेगा. वैसे सरकारी अस्पतालों की तरह ही मातृ सदन में भी सभी सुविधा व दवाएं मुफ्त में दी जा रही है.प्रधान मंत्री की नइ योजना के तहत नगद राशि देने की कोइ व्यवस्था नहीं है. प्रसूति महिलाएं नगद राशि लेने के लिए मातृ सदन नहीं बल्कि सरकारी अस्पतालों की ओर रूख कर रही है. प्राथमिक स्वास्थ केंद्र से लेकर मातृ सदन की बेहाल अवस्था के संबंध में सिलीगुड़ी नगर निगम के डिप्टी मेयर रामभजन महतो से संपर्क करने की कोशिश की गयी, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया.

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