सड़क निर्माण के लिए एक करोड़ रुपये का खर्च बताया जा रहा है. साथ ही हावड़ा नगर निगम यहां पेयजल मुहैया कराने के लिए पाइप लाइन भी बिछा रहा है, ताकि पेयजल संकट से जूझ रहे लोगों को सहूलियत से पानी मिल सके. स्थानीय लोगों की मानें, तो लगभग 15 से 20 साल पहले कोयला डिपो की सड़क का निर्माण कराया गया था. इसके बाद धीरे-धीरे सड़क टूटती चली गयी, लेकिन किसी की नजर इस पर नहीं पड़ी. इस बीच तीन बार निगम चुनाव संपन्न हो गया. निगम चुनाव के पहले सभी उम्मीदवारों ने सड़क बनाने का वादा किया. चुनाव भी जीते, लेकिन यहां के लोगों की किस्मत नहीं बदली. बरसात में सड़क की हालत ऐसी होती है कि एक कदम भी चलना मुश्किल होता है.
वर्ष 2013 में निगम की तसवीर बदली. वाम को पछाड़ कर तृणमूल कांग्रेस का बोर्ड बना. इस वार्ड से विनय सिंह विजयी हुए. उन्होंने भी चुनाव के पहले यहां की जनता से कोयला डिपो की सड़क बनाने का वादा किया था. लोगों को उम्मीद थी कि इस दफा सड़क बन जायेगी. आखिरकार, तीन साल बीत जाने के बाद सड़क बनाने के काम पर मोहर लग गयी है. इसे लेकर यहां की जनता बेहद खुश है. उसका कहना है कि जल्द सड़क बने, ताकि बारिश के दिनों में इस नरक से मुक्ति मिले. एक किलोमीटर लंबी इस सड़क का निर्माण कार्य वाम जमाने में ही हुआ था. तब से लेकर आज तक मरम्मत तक नहीं की गयी है. यहां की आबादी कुल 5000 के आसपास है, जिसमें मतदाताओं की संख्या 2500 के लगभग है.