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बोर्ड मीटिंग में हंसी-ठिठोली के बावजूद ‘डेंगू’ ने मचाया हंगामा

सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी नगर निगम में बुधवार को मासिक बोर्ड मीटिंग के दौरान बोर्ड सदस्यों और विरोधियों के बीच हंसी-ठिठोली के बावजूद पूरे समय ‘डेंगू’ ने हंगामा मचाया. अढ़ाइ घंटे की मैराथन मीटिंग के दौरान विरोधी तणमूल कांग्रेस (तृकां) पार्षदों ने पोस्टर पहनकर वाम बोर्ड का घेराव किया. पोस्टर में सिलीगुड़ी में डेंगू के महामारी का […]

सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी नगर निगम में बुधवार को मासिक बोर्ड मीटिंग के दौरान बोर्ड सदस्यों और विरोधियों के बीच हंसी-ठिठोली के बावजूद पूरे समय ‘डेंगू’ ने हंगामा मचाया. अढ़ाइ घंटे की मैराथन मीटिंग के दौरान विरोधी तणमूल कांग्रेस (तृकां) पार्षदों ने पोस्टर पहनकर वाम बोर्ड का घेराव किया. पोस्टर में सिलीगुड़ी में डेंगू के महामारी का रूप लेने के लिए मेयर व वाम बोर्ड को जिम्मेदार ठहराये जाने वाले कई स्लोगन थे.

23 नंबर वार्ड के तृकां पार्षद कष्ण चंद्र पाल ने वाम बोर्ड पर डेंगू का डंक मारना शुरू किया. सभी तृकां पार्षद पोस्टर पहने खड़े रहे. इस दौरान चेयरमैन दिलीप सिंह सभी तृकां पार्षदों से बैठो-बैठो कहते रहे. वहीं, 18 नंबर वार्ड के तृकां पार्षद निखिल सहनी अचानक चिल्ला उठे और वाम बोर्ड के विरोध में नारेबाजी करते हुए काफी देर तक चिल्लाते रहे. पहले सभी तृकां पार्षदों से श्री सिंह ने बैठने की गुजारिश की बाद में उन्होंने विरोधी दल के नेता रंजन सरकार उर्फ राणा दा से सबों को कुर्सी पर बैठने के लिए कहा. राणा दा ने भी बैठने से इंकार कर दिया और कृष्ण चंद्र पाल ने जितनी देर तक डेंगू को लेकर वाम बोर्ड पर एक के बाद एक कई सवाल दागा तब-तक सभी तृकां पार्षद पोस्टर पहनकर प्रदर्शन करते रहे. इससे पहले 12 नंबर वार्ड के तृकां पार्षद नांटू पाल ने मेयर को कुंभकरण बताया. उन्होंने कहा कि विपदा के समय घोर निद्रा में रहने के बावजूद कुंभकरण जाग जाता था लेकिन सिलीगुड़ी के मेयर विपदा के समय भी कुंभकरण बने हुए हैं. श्री पाल ने मेयर पर डेंगू को लेकर सियासत करने का भी आरोप लगाया. साथ ही बीते दिनों डेंगू से मारे गये शहर के 11 नंबर वार्ड के खुदीराम पल्ली निवासी 28वर्षीय युवक अमित छेत्री का मामला भी उठा. उन्होंने श्री भट्टाचार्य की जबरदस्त खिंचायी करते हुए कहा कि सिलीगुड़ी में डेंगू से लोग मारे जा रहे हैं और हमारे मेयर साहब कोलकाता-दिल्ली भ्रमण में व्यस्त हैं. युवक की मौत के 16 घंटे बीत जाने के बावजूद डिप्टी मेयर रामभजन महतो को इसकी जानकारी तक नहीं रहती. बीते डेढ़ साल से निगम भगवान भरोसे ही है. श्री पाल ने मेयर पर डेंगू को लेकर सियासत करने का आरोप लगाते हुए कहा कि डेंगू का मच्छर सियासत नहीं करता. वह पार्टी, रंग और चेहरा देखकर डंक नहीं मारता और न ही कौन वार्ड किस पार्टी के दखल में है यह देखकर होता है. श्री भट्टाचार्य डेंगू को लेकर गंदी राजनीति कर रहे हैं. श्री पाल ने कहा कि मेयर जब अमित के घर पीड़ित परिवार से मिलने गये तो उन्होंने उसकी पत्नी को निगम में नौकरी या अनुदान की व्यवस्था का आश्वासन न देकर उल्टा यह देखने गये कि अमित की मौत डेंगू से हुई है या नहीं.

साथ ही उन्होंने मेयर पर डेंगू पीड़ितों को लेकर गलत रिपोर्ट पेश करने और निगम की जनता को दिकभ्रमित करने का भी आरोप लगाया. श्री पाल ने कहा कि मेयर और उनके रिमोट कंट्रोल से चल रही वाम बोर्ड को निगम की जनता की कोई फिक्र नहीं है. डेंगू के महामारी का रूप लेने के बावजूद नागरिक परिसेवा पूरी तरह ठप्प है. साफ-सफाई नहीं हो रही. शहर डंपिंग ग्राउंड में तब्दील होता जा रहा है. जगह-जगह कचरों का ढेर लगा रहता है, जिन्हें कई-कई दिनों तक उठाने वाला कोई नहीं है. सभी वार्डों में सफाई कर्मचारी गिने-चुने ही दिये जाते हैं और जिन्हें भेजा जाता है वह या तो अधेड़ होते हैं या फिर शारीरिक रूप से कमजोर. कोई सड़कों की सौ मीटर झाड़ू नहीं लगाता कि हांफना शुरू कर देता है. कोई नाले-ड्रेनों की गंदगी और दुर्गंध से ही व्याकुल हो जाता है. इस दौरान श्री पाल की पत्नी सह 11 नंबर वार्ड की पार्षद मंजूश्री पाल ने 16 नवंबर यानी बुधवार की रात उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में इलाज के दौरान डेंगू से मारे गये अमित छेत्री की तस्वीर लेकर प्रदर्शन किया और मेयर से पीड़ित परिवार को पांच लाख रूपये अनुदान देने की गुहार भी लगायी.

एमएमआइसी शंकर घोष के जवाब देने पर भड़के विरोधी
तृकां के पार्षदों के डेंगू के मुद्दे पर मेयर सह स्वास्थ्य विभाग के मेयर परिषद सदस्य (एमएमआइसी) अशोक भट्टाचार्य की जगह खेल व युवा कल्याण मामलों के एमएमआइसी शंकर घोष द्वारा जवाब देने पर सभी विरोधी भड़क उठे. इसे लेकर वाम बोर्ड सदस्यों और विरोधी पार्षदों के बीच बहसबाजी हुयी. बाद में चेयरमैन दिलीप सिंह ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि मेयर के कहने के बाद ही श्री घोष को जवाब देने की अनुमति दी गयी है. बाद में विरोधियों के प्रतिवाद के बावजूद श्री घोष ने बहस जारी रखा और विरोधियों को उनके ही लहजे में करारा जवाब दिया. श्री घोष ने मेयर को कुंभकरण का जवाब देते हुए कहा कि सिलीगुड़ी तो वाम संचालित है लेकिन बंगाल को जो अधिकांश इलाका डेंगू प्रभावित है वह इलाका सत्ताधारी तृकां के अधीन ही है. श्री घोष ने ममता का बगैर नाम लिये ही कहा कि सिलीगुड़ी के तृकां पार्षद आखिर किसे कुंभकरण कह रहे हैं. साथ ही उन्होंने गलत रिपोर्ट के जवाब में भी विरोधियों को घेरते हुए कहा कि सर्वे रिपोर्ट जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से दी गयी है और इसे निगम संचालित नहीं करती बल्कि राज्य सरकार खुद संचालित करती है. मुख्मंत्री ममता बनर्जी खुद स्वास्थ्य मंत्री भी है. साफ-सफाई और गंदगी पर उन्होंने कहा कि नियमित साफ-सफाई हो रही है. हमेशा स्वास्थ्य विभाग से रिपोर्ट भी ली जा रही है. विभाग ने निर्देशानुसार ही डेंगू से लड़ाई लड़ी जा रही है.
मेयर ने भी तोड़ी चुप्पी, दिया करारा जवाब
मेयर ने भी अपनी चुप्पी तोड़ते हुए विरोधियों को करारा जवाब दिया. उन्होंने कहा कि वाम बोर्ड कभी भी गंदी राजनीति नहीं करती. सबकों साथ लेकर और सब कुछ पारदर्शिता के साथ काम करने में विश्वास करती है. उन्होंने कहा कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्रालय के रिपोर्ट के आंकड़े के आधार पर कहा कि इस साल अब-तक पूरे देश में डेंगू से 60 लोग मारे गये हैं. इनमें अकेले 24 लोगों की मौत पश्चिम बंगाल में हुई है. सिलीगुड़ी में केवल एक और अन्य सभी की मौत तृकां के अधीन वाले शहरों-कस्बों में हुई है. श्री भट्टाचार्य ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने ही खुलासा किया है कि पूरे राज्य में डेंगू को लेकर सबसे अधिक सतर्क सिलीगुड़ी ही है.

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