सिलीगुड़ी: फेसबुक, व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया पर 10 के सिक्के नकली होने के दावे के वायरल होने के बाद से लोग इस सिक्के को लेकर काफी दुविधा में हैं. रिजर्व बैंक द्वारा बार-बार 10 के सिक्के नकली न होने की बात कह कर इसके लिए प्रचार-प्रसार किये जाने के बावजूद अधिकांश लोग इसका लेन-देन करने […]
सिलीगुड़ी: फेसबुक, व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया पर 10 के सिक्के नकली होने के दावे के वायरल होने के बाद से लोग इस सिक्के को लेकर काफी दुविधा में हैं. रिजर्व बैंक द्वारा बार-बार 10 के सिक्के नकली न होने की बात कह कर इसके लिए प्रचार-प्रसार किये जाने के बावजूद अधिकांश लोग इसका लेन-देन करने से कतरा रहे हैं और 10 के सिक्के को लेकर लोगों विवाद हो रहा है.
इन दिनों सोशल मीडिया इस कदर हावी हो गया है कि अधिकांश लोग इसपर फैलाये जानेवाले अफवाहों को ही सही मानते हैं और सरकार की कानूनी बातों पर गौर ही नहीं करना चाहते. देश के अन्य शहर, कस्बों व गांवों की तरह सिलीगुड़ी में भी 10 के सिक्के को लेकर अफवाह काफी तेजी से फेल रही है. रिजर्व बैंक के स्पष्टीकरण के बावजूद सिलीगुड़ी के दुकानदार, सिटी ऑटो-रिक्शा चालक, सब्जी ब्रिक्रेता कोई भी छोटा-मोटा व्यवसायी अपने ग्राहकों से 10 के सिक्के लेने से साफ-साफ इंकार कर रहा है.
इसे लेकर ग्राहक हो या फिर सिटी ऑटो-रिक्शा के यात्री या कोइ दुकानदार,इनसभी के बीच तू-तू, मैं-मैं होती रहती है. इस वजह से आम लोगों का जीना मुहाल हो गया है. मोदी सरकार के नोटबंदी से पहले ही लोग खुदरा की किल्लत झेलने को मजबूर और अब लोग 10 के सिक्के की मार झेल रहे हैं. खुदरा की कमी दूर करने के लिए रिजर्व बैंक ने 10 के सिक्के बड़े पैमाने पर सभी बैंकों में मुहैया कर दिया है. आमलोगों के पास यह उपलब्ध भी होने लगा है. इसके बावजूद कुछ लोग 10 के सिक्के नहीं ले रहे. साथ ही इस बहस को लेकर ऐसे लोग रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देश तक को ही नहीं मानना चाहते.
सिलीगुड़ी के प्रधाननगर के दक्षिण बाघाजतीन कॉलोनी निवासी राजेश प्रसाद का कहना है कि इलाके के गल्ला दुकानदार 10 के सिक्के लेने से इंकार कर रहे हैं. इस वजह से रोजमर्रा में लगनेवाले खाद्य सामानों को खरीद नहीं पा रहे और इसे लेकर घर-घर में भी किच-किच होती है. गुरूंगबस्ती में रहनेवाली एक छात्रा पूजा छेत्री का भी कहना है कि दुकानदार ही नहीं सिटी ऑटो-रिक्शा चालक भी सिक्के नहीं ले रहे. इसे लेकर चालक बेवहज झगड़ा करते हैं. कोई रिक्शा चालक सिक्का लेता भी है तो वह इसके चलने को लेकर संदेह प्रकट करता है.