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नक्सलियों की आर्थिक रूप से कमर तोड़ रही सीआरपीएफ

सिलीगुड़ी. नोटबंदी के इस दौर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) ने नक्सलियों की आर्थिक रूप से कमर तोड़ने का अभियान छेड़ दिया है. इस अभियान के क्रम में सीआरपीएफ की एक टीम ने छत्तीसगढ़ के बीजापुर इलाके से दो दिन में करीब 71 लाख रुपये के पुराने बड़े नोट जब्त किये हैं. साथ ही […]

सिलीगुड़ी. नोटबंदी के इस दौर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) ने नक्सलियों की आर्थिक रूप से कमर तोड़ने का अभियान छेड़ दिया है. इस अभियान के क्रम में सीआरपीएफ की एक टीम ने छत्तीसगढ़ के बीजापुर इलाके से दो दिन में करीब 71 लाख रुपये के पुराने बड़े नोट जब्त किये हैं. साथ ही मुठभेड़ में एक नक्सली को मार गिराया गया और एक महिला नक्सली को गिरफ्तार कर लिया गया. यह जानकारी सीआरपीएफ के महानिदेशक के. दुर्गा प्रसाद ने दी.
गुरुवार को सीआरपीएफ के सिलीगुड़ी ग्रुप सेंटर में पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पांच सौ और एक हजार के पुराने नोट रद्द करने का असर आतंकवादी संगठनों पर भी अवश्य होगा. बड़े नोट रद्द किये जाने की घोषणा के बाद से नक्सली और आतंकवादी संगठन अपनी जमा राशि को बदलने की कोशिश में हैं.लेकिन सीआरपीएफ देश के सभी हिस्सों में लगातार निगरानी बनाये हुए है. किसी भी कीमत पर नक्सली और अन्य आतंकवादी संगठनों के पास पड़ी राशि को बैंक तक नहीं पहुंचने दिया जायेगा.
महानिदेशक ने कहा कि सीआरपीएफ देश के अंदरूनी हिस्सों में शांति बनाये रखने के लिए हमेशा तैयार रहती है. आवश्यकता पड़ने पर हम सीमा सुरक्षा बलों के साथ मिलकर सीमा रक्षा भी करते हैं. देश के मौजूदा हालात को ध्यान में रखते हुए हम देश के विभिन्न इलाकों में स्थानीय पुलिस प्रशासन और सीमा सुरक्षा बलों के साथ समन्वय बनाकर काम कर रहे हैं.
मेस का उदघाटन, क्वार्टर-बैरक का शिलान्यास
वर्ष 2004 में 16 नवंबर को सिलीगुड़ी ग्रुप सेंटर (जीसी) की स्थापना की गयी थी. जीसी के स्थापना दिवस पर महानिदेशक सिलीगुड़ी पहुंचे थे. इस अवसर पर उन्होंने सिलीगुड़ी जीसी के लिए 516 क्वार्टरों व तीन बैरकों के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया. इसके अतिरिक्त अधिकारी मेस का उद्घाटन किया. श्री दुर्गाप्रसाद ने बताया कि पूरे देश में कुल 10 हजार 331 क्वार्टर व 55 बैरक बनाने के लिए केंद्र ने सहमति जतायी. इसके लिए 30 करोड़ 13 लाख रुपये का आवंटन किया गया है. प्रत्येक बैरक की क्षमता 240 जवानों की होगी. निर्माण कार्य पूरा करने के लिये 18 महीने समय निर्धारित किया गया है, लेकिन एजेंसियों को एक वर्ष में कार्य पूरा कर सौंपने को कहा गया है.

उन्होंने बताया कि जवानों के क्वार्टर और बैरक आवश्यकता से काफी कम हैं. इतने निर्माण कार्य से दबाव 12 प्रतिशत तक कम होगा. सीआरपीएफ की ओर से अगामी वर्ष में और 20 हजार क्वार्टर का निर्माण कराये जाने की मांग केंद्र सरकार से की गयी है. इससे समस्या का और भी 22 प्रतिशत तक समाधान होगा. गुरुवार को जीसी कार्यालय परिसर में एक मेले का आयोजन किया गया, जिसका उद्घाटन महानिदेशक ने किया. अपने अन्य अधिकारी और कर्मचारियों के साथ उन्होंने इस मेले का भरपूर आनंद उठाया और दिल्ली रवाना हो गये.

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