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तीन तलाक के मुद्दे पर सिलीगुड़ी में निकली रैली

सिलीगुड़ी. मुस्लिमों में प्रचलित तीन तलाक को लेकर केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे के विरोध में सिलीगुड़ी वेलफेयर नौजवान कमिटी ने एक रैली निकाली. सिलीगुड़ी के वार्ड नंबर छह से निकली यह रैली हिलकार्ट रोड, सेवक रोड होते हुए सिलीगुड़ी महकमा शासक दफ्तर पहुंची. जहां महकमा शासक के मार्फत देश […]

सिलीगुड़ी. मुस्लिमों में प्रचलित तीन तलाक को लेकर केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे के विरोध में सिलीगुड़ी वेलफेयर नौजवान कमिटी ने एक रैली निकाली. सिलीगुड़ी के वार्ड नंबर छह से निकली यह रैली हिलकार्ट रोड, सेवक रोड होते हुए सिलीगुड़ी महकमा शासक दफ्तर पहुंची. जहां महकमा शासक के मार्फत देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्य की मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा गया. मुस्लिम पर्सनल लॉ के अंतर्गत तीन तलाक का यह मामला अब एक अलग रूप लेता दिख रहा है.

इस मामले को लेकर पूरे देश में विरोधाभाष देखने को मिल रहा है. सिलीगुड़ी के मुस्लिम धर्म गुरू इमाम खलीलूर रहमान के अनुसार मुस्लिम के पवित्र ग्रंथ कुरान और हदीश में एक साथ तीन तलाक देने का कहीं भी जिक्र नहीं है. बल्कि तीन तलाक दो जिंदगियों को बचाने की ओर तीन कदम है. यह अलग बात है कि कुछ लोग तीन तलाक की प्रथा का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं. आज की विरोध रैली में शामिल शहर-ए-इमाम खलीलूर रहमान ने केंद्र की भाजपा सरकार पर फिर से सांप्रदायिकता का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र की मोदी सरकार शुरू से ही मुस्लिम विरोधी रही है. अब मुस्लिम संप्रदाय के पवित्र कुरान-ए-शरीफ और हदीश पर प्रहार किया जा रहा है. किसी भी हुकूमत को किसी भी धर्म में दखल देने का कोई अधिकार नहीं है. केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा दाखिल हलफनामें में साफ कहा गया है कि मुस्लिम महिलाओं के हित को ध्यान में रखते हुए तीन तलाक प्रक्रिया को समाप्त किया जा सकता है.

बुधवार को केंद्र सरकार के हलफनामे के खिलाफ निकली इस रैली में मुस्लिम संप्रदाय के लोग बड़ी भारी तादात में शामिल हुए. सभी मुस्लिम संगठन, शहर के तमाम मस्जिद, करबला, मदरसा आदि के सदस्य इस रैली में शामिल हुए. रैली में शामिल एक समाजसेवी सरताज अहमद हुसैन ने बताया कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है. भारत के संविधान में सभी धर्म का कद्र करते हुए अनेकता में एकता की बात कही गयी है. मुस्लिम पर्सनल लॉ का भी अपना महत्व है. कोइ भी सरकार किसी भी धर्म में हस्तक्षेप नहीं कर सकती. केंद्र की भाजपा सरकार का यह कदम देश की अखंडता पर एक करारा प्रहार है.

उल्लेखनीय है कि किसी तलाक के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का ध्यान मुस्लिम संप्रदाय के तीन तलाक प्रक्रिया की ओर गया है. इसके बाद नेशनल लॉ कमिशन ने एक प्रश्नावली जारी कर भारतीय नागरिकों से इस पर राय मांगी है. कुछ मुस्लिम तलाकशुदा महिलाओं ने भी तीन तलाक प्रक्रिया को समाप्त करने की गुहार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की है.

इसको लेकर केंद्र सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनाम दिया है. इस हलफनामे में केंद्र सरकार ने तीन तलाक प्रक्रिया को समाप्त करने पर जोर दिया है. केंद्र सरकार के इसी हलफनामे के बाद मुस्लिम संप्रदाय की ओर से गुस्सा जाहिर किया जा रहा है. इसी क्रम में आज सिलीगुड़ी में एक रैली निकाल कर विरोध जताया गया. शहर-ए-काजी खलीलूर रहमान ने बताया कि मुस्लिम धर्म में भाजपा सरकार का हस्तक्षेप कतइ बर्दाश्त नहीं करेंगे. अल्लाह के हुक्म को बदलने या मिटाने की साजिश के खिलाफ हम एकजुट है. केंद्र की भाजपा सरकार धर्म पर हमला करने से बाज नहीं आयी तो आगामी दिनों में जन आंदोलन संगठित किया जायेगा.

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