इस मामले को लेकर पूरे देश में विरोधाभाष देखने को मिल रहा है. सिलीगुड़ी के मुस्लिम धर्म गुरू इमाम खलीलूर रहमान के अनुसार मुस्लिम के पवित्र ग्रंथ कुरान और हदीश में एक साथ तीन तलाक देने का कहीं भी जिक्र नहीं है. बल्कि तीन तलाक दो जिंदगियों को बचाने की ओर तीन कदम है. यह अलग बात है कि कुछ लोग तीन तलाक की प्रथा का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं. आज की विरोध रैली में शामिल शहर-ए-इमाम खलीलूर रहमान ने केंद्र की भाजपा सरकार पर फिर से सांप्रदायिकता का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र की मोदी सरकार शुरू से ही मुस्लिम विरोधी रही है. अब मुस्लिम संप्रदाय के पवित्र कुरान-ए-शरीफ और हदीश पर प्रहार किया जा रहा है. किसी भी हुकूमत को किसी भी धर्म में दखल देने का कोई अधिकार नहीं है. केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा दाखिल हलफनामें में साफ कहा गया है कि मुस्लिम महिलाओं के हित को ध्यान में रखते हुए तीन तलाक प्रक्रिया को समाप्त किया जा सकता है.
उल्लेखनीय है कि किसी तलाक के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का ध्यान मुस्लिम संप्रदाय के तीन तलाक प्रक्रिया की ओर गया है. इसके बाद नेशनल लॉ कमिशन ने एक प्रश्नावली जारी कर भारतीय नागरिकों से इस पर राय मांगी है. कुछ मुस्लिम तलाकशुदा महिलाओं ने भी तीन तलाक प्रक्रिया को समाप्त करने की गुहार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की है.
इसको लेकर केंद्र सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनाम दिया है. इस हलफनामे में केंद्र सरकार ने तीन तलाक प्रक्रिया को समाप्त करने पर जोर दिया है. केंद्र सरकार के इसी हलफनामे के बाद मुस्लिम संप्रदाय की ओर से गुस्सा जाहिर किया जा रहा है. इसी क्रम में आज सिलीगुड़ी में एक रैली निकाल कर विरोध जताया गया. शहर-ए-काजी खलीलूर रहमान ने बताया कि मुस्लिम धर्म में भाजपा सरकार का हस्तक्षेप कतइ बर्दाश्त नहीं करेंगे. अल्लाह के हुक्म को बदलने या मिटाने की साजिश के खिलाफ हम एकजुट है. केंद्र की भाजपा सरकार धर्म पर हमला करने से बाज नहीं आयी तो आगामी दिनों में जन आंदोलन संगठित किया जायेगा.