सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी के निकट न्यू जलपाईगुड़ी (एनजेपी) रेलवे स्टेशन पर रेल यात्रियों के लिए बना फुट ओवब्रिज इन दिनों रेलवे की जी का जंजाल बना हुआ है. स्थानीय लोग एनजेपी तथा साउथ कालोनी के बीच आवाजाही के लिए इस फुट ओवरब्रिज का प्रयोग करते हैं. पैदल लोगों के लिए तो चलो इस ब्रिज का उपयोग […]
सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी के निकट न्यू जलपाईगुड़ी (एनजेपी) रेलवे स्टेशन पर रेल यात्रियों के लिए बना फुट ओवब्रिज इन दिनों रेलवे की जी का जंजाल बना हुआ है. स्थानीय लोग एनजेपी तथा साउथ कालोनी के बीच आवाजाही के लिए इस फुट ओवरब्रिज का प्रयोग करते हैं.
पैदल लोगों के लिए तो चलो इस ब्रिज का उपयोग फिर भी ठीक है, लेकिन भारी संख्या में ऐसे लोगों की तादाद बढ़ रही है जो साइकिल, स्कूटर तथा मोटरसाइकिल से इस ब्रिज से होकर आवाजाही करते हैं. इसकी वजह से न केवल एनजेपी स्टेशन पर सुरक्षा व्यवस्था को भारी खतरा पैदा होता है, बल्कि कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है. जीआरपी तथा आरपीएफ ने भी इसको लेकर रेलवे प्रशासन को अलर्ट किया था.
उसके बाद रेलवे अधिकारियों ने दो दिन पहले से स्कूटर, मोटरसाइकिल तथा साइकिल से आम लोगों की आवाजाही बंद करा दी है. ब्रिज के दोनों ओर इसके लिए आरपीएफ के जवानों की तैनाती की गई है. रेलवे के इस निर्णय के बाद से ही विवाद उत्पन्न हो गया है. रेलवे के इस निर्णय के खिलाफ स्थानीय लोग खासकर साउथ कालोनी तथा साहूडांगी को लोग भड़के हुए हैं. आवाजाही में परेशानी का हवाला देते हुए इन लोगों ने आरपीएफ के खिलाफ मोरचा खोल दिया है.
रविवार से ही स्थानीय लोगों का विरोध प्रदर्शन जारी है. सोमवार को स्थिति तब बिगड़ गई, जब स्कूली बच्चों ने साइकिल से फुट ओवरब्रिज पार करने की मांग को लेकर अड़ गये. आरपीएफ के जवानों ने इन बच्चों को भी रोक दिया. सभी स्कूली बच्चे रेलवे के इस निर्णय के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने लगे. काफी हो-हल्ला के बाद इन बच्चों को साइकिल से फुट ओवरब्रिज होकर आवाजाही करने की अनुमति दे दी गई. फिलहाल ये बच्चे परीक्षा तक इस ब्रिज से साइकिल लेकर आवाजाही कर सकते हैं. इससे बच्चों को थोड़ी राहत मिली है. यहां उल्लेखनीय है कि साउथ कालोनी तथा साहूडांगी में कई स्कूल हैं. इन स्कूलों में सिलीगुड़ी नगर निगम क्षेत्र के भी काफी बच्चे पढ़ते हैं. वर्षों से यह सभी साइकिल लेकर ही फुट ओवरब्रिज से आवाजाही करते थे. अचानक रोके जाने से ही यह लोग परेशान हैं. बच्चों का कहना है कि इस ब्रिज को बंद कर दिये जाने पर तीन किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर स्कूल पहुंचना पड़ेगा. इसी वजह से इस ब्रिज से होकर आवाजाही वह लोग कर रहे हैं.
कैसे बढ़ा विवाद
स्थानीय लोगों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार, तीन दिन पहले दोपहिया वाहन तथा साइकिल चालकों के लिए इस ब्रिज को बंद कर दिया गया था. रेलवे के इस निर्णय के खिलाफ भले ही आम लोग परेशान थे और उनके अंदर भारी रोष था, लेकिन यह लोग खुलकर विरोध प्रदर्शन नहीं कर रहे थे. स्थिति तब बिगड़ी जब शनिवार को साउथ कालोनी में रहने वाले आरपीएफ के जवान अपनी मोटरसाइकिल से इसी ब्रिज से होकर एनजेपी आ रहे थे. स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया. स्थानीय लोगों का कहना था कि यदि इस ब्रिज को सभी के लिए बंद कर दिया गया है तो आरपीएफ अथवा पुलिस के जवान भी आवाजाही के लिए इस ब्रिज का उपयोग नहीं कर सकते.
क्या कहते हैं आरपीएफ इंस्पेक्टर
इस मामले को लेकर न्यू जलपाईगुड़ी के आरपीएफ इंस्पेक्टर विप्लव मजूमदार का कहना है कि आम लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ही साइकिल तथा दोपहिया वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई है. दोपहिया वाहनों की आवाजाही के कारण कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है. सुरक्षा से समझौता किसी भी कीमत पर संभव नहीं है. इसी वजह से आरपीएफ ने यह कार्रवाई की है. उन्होंने आगे कहा कि फिलहाल कुछ दिनों के लिए स्कूली बच्चों को राहत दी गई है. उनकी परीक्षा को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने यह निर्णय लिया है. परीक्षा होने तक स्कूली बच्चे इस फुट ओवरब्रिज से साइकिल लेकर आवाजाही कर सकते हैं.
रेलवे को देंगे ज्ञापन
इस बीच, इस फुट ओवरब्रिज की समस्या को लेकर स्थानीय लोगों ने रेलवे के एरिया मैनेजर को ज्ञापन देने का निर्णय लिया है. स्थानीय लोगों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार यह लोग सात सितंबर को एरिया मैनेजर के साथ एक बैठक करेंगे और इस समस्या के समाधान को लेकर ज्ञापन देंगे. स्थानीय लोगों का कहना है कि पास में ही अंडरपास बनाये जाने का काम जारी है. अंडरपास बन जाने के बाद आम लोग उधर से ही आवाजाही कर पायेंगे. जब तक अंडरपास चालू नहीं हो जाता, तब तक इस फुट ओवरब्रिज को साइकिल तथा दोपहिया वाहनों के लिए भी खोले जाने की मांग करेंगे.