मालदा: कालियाचक-3 ब्लॉक के भू-राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है. विभाग की लापरवाही के चलते ऐसे लोगों का नाम गैरकानूनी अफीम (पोस्ता) की खेती से जुड़ गया है जो बरसों पहले अपनी जमीन बेच चुके हैं. इससे जमीन के पुराने मालिक सांसत में फंस गये हैं. मंगलवार को […]
मालदा: कालियाचक-3 ब्लॉक के भू-राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है. विभाग की लापरवाही के चलते ऐसे लोगों का नाम गैरकानूनी अफीम (पोस्ता) की खेती से जुड़ गया है जो बरसों पहले अपनी जमीन बेच चुके हैं. इससे जमीन के पुराने मालिक सांसत में फंस गये हैं. मंगलवार को इस संबंध में कालियाचक-3 ब्लॉक के भू-राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में सैकड़ों पुराने जमीन मालिक पहुंचे और अपनी आपत्ति दर्ज करायी.
उनका कहना है कि हम लोग 10-15 साल पहले ही जमीन बेच चुके हैं. लेकिन जमीन मालिकाना के रिकॉर्ड में बदलाव नहीं किया गया. हमारी जगह पर नये मालिकों का नाम नहीं डाला गया. यहां तक कि अफीम की खेती से जुड़े मामलों में हमारा नाम बतौर जमीन मालिक आबकारी विभाग के पास भेज दिया गया. बताया जा रहा है कि भू-राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की इस गलती की वजह से फंसे लोगों में शिक्षक से लेकर चिकित्सक तक शामिल हैं.
मंगलवार दोपहर 12 बजे आकंदबारिया और शाहबाजपुर गांवों के 100 से ज्यादा पुराने जमीन मालिक भू-राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के दफ्तर पहुंचे और विक्षोभ प्रदर्शन किया. उन्होंने मांग की कि विभाग पूरे मामले को देखे और जमीन मालिकाना रिकॉर्ड में नाम बदले.
विक्षोभ प्रदर्शन करने पहुंचे जमीन मालिक चंदन मंडल, प्रियव्रत मंडल, भैरव मंडल, सुभाष चंद्र सरकार, प्रणव मंडल में से कोई पेशे से स्कूल शिक्षक है, तो कोई होमियोपैथी का डॉक्टर है. उन्होंने कहा कि उन लोगों पर कार्रवाई हो जो सचमुच अफीम की खेती से जुड़े हैं. पुराना रिकॉर्ड देखकर मुकदमा करने से काम नहीं चलेगा. उन्होंने बताया कि उनकी तरह करीब 250 पुराने जमीन मालिक इस परेशानी में फंसे हुए हैं.
आबकारी विभाग ने इस संबंध में बताया कि जमीन मालिकों की सूची मिलने के बाद हमने कानून के मुताबिक कदम उठाया है. जमीन मालिकों का रिकॉर्ड सही है या नहीं, यह देखना भू-राजस्व विभाग की जिम्मेदारी है. इससे ज्यादा हमारे लिए कुछ कहना संभव नहीं है. इधर कालियाचक-3 ब्लॉक के भू-राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के एक अधिकारी एनके हांसदा ने बताया कि हमें जमीन मालिकों की तरफ से शिकायत मिली है. पुराने जमीन मालिकों का नाम नहीं बदले जाने में कहां गड़बड़ हुई, यह पता लगाया जा रहा है. साथ ही पूरे मामले की जानकारी ऊपर के अधिकारियों को दे दी गयी है.