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सारधा के सील रिजॉर्ट में बाहरी लोगों का लगा जमावड़ा

जलपाईगुड़ी. सैकड़ों करोड़‍ रुपये के चिटफंड घोटाला मामले में आरोपी कंपनी सारधा के डुवार्स स्थित रिजॉर्ट में बाहरी लोगों की भीड़ देखकर स्थानीय लोगों का गुस्सा भड़क गया. सारधा के इस रिजॉर्ट को पहले ही प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने जब्त कर सील कर दिया है. उसके बाद भी इस रिजॉर्ट में बाहरी लोग रह रहे […]

जलपाईगुड़ी. सैकड़ों करोड़‍ रुपये के चिटफंड घोटाला मामले में आरोपी कंपनी सारधा के डुवार्स स्थित रिजॉर्ट में बाहरी लोगों की भीड़ देखकर स्थानीय लोगों का गुस्सा भड़क गया. सारधा के इस रिजॉर्ट को पहले ही प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने जब्त कर सील कर दिया है. उसके बाद भी इस रिजॉर्ट में बाहरी लोग रह रहे हैं. इसकी जानकारी जैसे ही स्थानीय लोगों को मिली, सैकड़ों लोग वहां पहुंच गये और विरोध प्रदर्शन किया.

माल थाना पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2014 में जलपाईगुड़ी जिले के माल थाना अंतर्गत नेओरा मोड़ स्थित सारधा के इस रिजॉर्ट को इडी ने जब्त कर सील कर दिया है. उसके बाद से ही यह रिजॉर्ट बंद है. बीच-बीच में जांच के लिए इडी अधिकारी यहां आते थे. स्थानीय लोगों ने आगे बताया कि 29 मई को दार्जिलिंग से कोलकाता निवासी मानिक दास, सुभाशीष भट्टाचार्य सहित पांच लोग यहां पहुंचे. यह सभी कोलकाता के संतोषपुर के रहने वाले हैं. इन लोगों ने रिजॉर्ट की साफ-सफाई शुरू कर दी. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस रिजॉर्ट को इडी ने जब्त कर लिया है. यहां के काफी लोग सारधा में रुपये जमा कर अपना सर्वस्व गंवा चुके हैं. स्थानीय लोगों को अब तक पैसे नहीं मिले हैं. इडी की कार्रवाई तथा इस रिजॉर्ट पर ही जमाकर्ताओं की निगाहें टिकी हुई हैं. इसे बेचकर जमाकर्ताओं को पैसे देने की बात हुई थी, लेकिन अब बाहरी लोग यहां आकर रहने लगे हैं.

इधर, इस रिजॉर्ट में आये मानिक दास ने बताया कि दार्जिलिंग घुमने आने के बाद उनके सारे पैसे खत्म हो गये. उन्होंने कोलकाता में अपने घर के पास रहने वाले पड़ोसी तथा इडी अधिकारी देवब्रत कर को फोन कर इसकी जानकारी दी. उसके बाद उन्होंने दार्जिलिंग से इन लोगों को इस रिजॉर्ट में भेज दिया. वह लोग नहीं जानते थे कि यह सारधा का रिजॉर्ट है.

स्थानीय लोगों के विरोध प्रदर्शन के बाद यह सभी लोग रिजॉर्ट को खाली कर अन्यत्र चले गये. स्थानीय तृणमूल रेजाउल बाकी का कहना है कि इस रिजॉर्ट को बनाने वालों का अभी भी दस लाख रुपये सारधा के पास बकाया है. इडी अधिकारी आखिर किस अधिकार से बाहरी लोगों को यहां रूकने की अनुमति दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि इडी अधिकारी देवब्रत कर को उन्होंने फोन भी किया था, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया. माल थाना के ओसी नंद कुमार दत्त ने कहा है कि इडी द्वारा इस रिजॉर्ट को बेचने की प्रक्रिया शुरू की गई है. निरीक्षण के काम से इडी के अधिकारी बीच-बीच में यहां आते रहते हैं. जहां तक बाहरी लोगों के यहां आकर रूकने का सवाल है तो पुलिस मामले की जांच कर रही है.

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