सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी के 28 नंबर वार्ड के टिकियापाड़ा में सेफ्टी टैंक बनाने को लेकर दो पड़ोसियों के बीच हिंसक झड़प हुई. इस हिंसक झड़प में एक पड़ोसी और बीच बचाव करने पहुंचा एक अन्य पड़ोसी जख्मी हो गया. पड़ोसियों की इस आपसी लड़ाई को पीड़ितों ने स्थानीय नेताओं पर बेवजह राजनैतिक रंग चढ़ाने के कोशिश करने का आरोप लगाया है.
पड़ोसियों की आपसी लड़ाई का मामला सिलीगुड़ी थाना में दर्ज होने के बाद वार्ड की माकपा पार्षद शर्मिला दास ने बीच बचाव में जख्मी हुए दिलीप गुप्ता को अपनी पार्टी का समर्थक होने का दावा किया था और तणमूल कांग्रेस के समर्थकों पर दिलीप को मारने-पीटने का आरोप मढ़ दिया. रविवार को तृकां के कथित आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने के लिए श्रीमति दास के नेतत्व में वार्डवासियों ने सिलीगुड़ी थाने का घेराव भी किया था.
वहीं, आज माकपा नेता जय चक्रवर्ती की अगुवायी में पुलिस कमिश्नर (सीपी) मनोज वर्मा को एक लिखित ज्ञापन भी सौंपा गया. लेकिन आज सिलीगुड़ी जिला अस्पताल से छुट्टी होने के बाद घर लौटने के दौरान दिलीप गुप्ता ने वार्ड पार्षद के दावे को झूठा करार दिया और कहा कि वह एक साधारण वैन चालक है. उसका किसी भी पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है. वह न तो माकपा, न ही तृकां और न ही किसी अन्य पार्टी का समर्थक है. उन्होंने बताया कि पड़ोस में रहनेवाले मोहम्मद अख्तर की जब एक अन्य पड़ोसी के साथ मारपीट हो रही थी तो मैं बीच बचाव करने पहुंचा था. कुछ लोग उल्टा मुझे ही पीटने लगे.
वहीं, सिर पर गहरी चोट से पीड़ित मोहम्मद अख्तर का भी कहना है कि शनिवार की रात जो घटना घटी उससे राजनीति का कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने बताया कि वह अपने घर की खुली जमीन पर सेफ्टी टैंक बनवा रहा है. इस सेफ्टी टैंक को लेकर उसके एक पड़ोसी ने विरोध किया था. अख्तर द्वारा अपनी जमीन पर सेफ्टी टैंक बनवाने की बात पर पड़ोसी ने उसके साथ मारपीट की. दिलीप गुप्ता के बयान पर अपनी सफाई में पार्षद शर्मिला दास ने कहा कि घटना के बाद से दिलीप काफी आतंकित है. वार्ड में दिलीप जहां रहता है वहां तृकां के कथित दबंग नेता गोपाल घोष का काफी दबदबा है. श्रीमति दास ने कहा कि दिलीप उसी से घबराकर मीडिया में इस तरह का बयान दे रहा है.