इस घटना के लिए तृणमूल परिचालित चांचल-2 पंचायत समिति के पदाधिकारियों ने कांग्रेस परिचालित जिला परिषद को जिम्मेदार ठहराया है. पंचायत समिति के एक अधिकारी, तृणमूल के आदित्य दास ने बताया कि महदीपुर में पेयजल की समस्य है. लेकिन जिला परिषद से पैसा मंजूर नहीं होने के कारण उस गांव में डीप बोरिंग लगाने में समस्या आ रही है. पंचायत समिति की कोशिश से एक डीप बोरिंग और कई साधारण नलकूप लगाये गये हैं. लेकिन गरमी के मौसम में वे फेल हो गये हैं. जिला परिषद पैसा मंजूर नहीं कर रहा है, इसलिए पेयजल समस्या हल करने के लिए काम नहीं हो पा रहा है. वहीं जिला परिषद के जन स्वास्थ्य पदाधिकारी मंजारूल इसलाम ने तृणमूल के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि नलकूप का दायित्व पंचायत समिति का है. इसमें हमारी कोई भूमिका नहीं है.
इधर स्थानीय ग्रामीणों विप्लव मल्लिक, सुरेन मल्लिक ने बताया कि इलाके में पेयजल का घोर संकट है. नलकूप काम नहीं कर रहे हैं. इसलिए लोगों को तालाब और डोबा का पानी इस्तेमाल करना पड़ रहा है. इससे गांव में डायरिया फैल गया है. घर-घर में लोग बीमार पड़े हुए हैं.