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बुलुचिक के खिलाफ उनके भाई ने ही खोला मोरचा

जलपाईगुड़ी: माकपा छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने वाले बुलुचिक बराइक के खिलाफ उनके ही भाई ने मोरचा खोल दिया है. बुलुचिक बराइक माल विधानसभा सीट से माकपा के विधायक थे. कुछ महीने पहले वह माकपा छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गये. इस बार वह तृणमूल के ही टिकट पर चुनाव मैदान में हैं. […]

जलपाईगुड़ी: माकपा छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने वाले बुलुचिक बराइक के खिलाफ उनके ही भाई ने मोरचा खोल दिया है. बुलुचिक बराइक माल विधानसभा सीट से माकपा के विधायक थे. कुछ महीने पहले वह माकपा छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गये. इस बार वह तृणमूल के ही टिकट पर चुनाव मैदान में हैं. उनके खिलाफ वाम मोरचा ने आगुसुस करकेट्टा को मैदान में उतार दिया है. आगुसुस करकेट्टा के लिए ही बुलुचिक के भाई देवनंदन बराइक चुनाव प्रचार कर रहे हैं.

माकपा ने उन्हें अपना स्टार प्रचारक बना दिया है. एक तरह से कहें तो इस बार के विधानसभा चुनाव में दो भाई आमने-सामने हैं. एक भाई भले ही स्वयं चुनाव नहीं लड़ रहा हो, लेकिन अपनी पार्टी के उम्मीदवार के चुनाव प्रचार के लिए दिन-रात एक कर रहा है. दो भाई की इस लड़ाई पर यहां सभी की निगाहें टिकी हुई हैं. यहां उल्लेखनीय है कि बुलुचिक बराइक 33 सालों से माकपा के विश्वस्त सिपाही थे. पिछले विधानसभा चुनाव वह माकपा उम्मीदवार के रूप में जीते थे. साढ़े चार साल तक विधायक रहने के बाद पिछले साल वह तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गये. अपने भाई के इस निर्णय से देवनंदन बराइक काफी नाराज हैं. वह किसी भी कीमत पर अपने भाई को हराना चाहते हैं.


देवनंदन बराइक का कहना है कि वह शुरू से ही अपने भाई की सहायता करते रहे. राजनीति में वह उनके साथ खड़े थे. उनके भाई बुलुचिक माकपा के टिकट पर तीन बार पंचायत समिति के सदस्य चुने गये. बाद में वह विधायक भी बने. जब माकपा की स्थिति खराब हुई, तो वह तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गये, जो एक सही कदम नहीं है. सुख के समय उनके भाई पार्टी के साथ रहे और दुख की घड़ी में पार्टी को छोड़कर अलग हो गये. उनके भाई ने गलत निर्णय लिया. इसी वजह से वह अपने भाई के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. माकपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे वाम मोरचा उम्मीदवार आगुसुस करकेट्टा ने कहा है कि बुलुचिक 33 साल तक माकपा के साथ रहकर तृणमूल में चले गये. उनके इस निर्णय से उनके भाई नाराज हैं और इसीलिए उनके खिलाफ चुनाव प्रचार कर रहे हैं. दूसरी तरफ बुलुचिक बराइक अपने भाई को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं.

उनका कहना है कि भाई चाहे जितना भी दुष्प्रचार कर ले, जीत उन्हीं की होगी. पूरे राज्य में तृणमूल कांग्रेस के पक्ष में लहर है. लोग ममता बनर्जी के विकास कार्यों को देखकर वोट देंगे. मालबाजार में उन्हें जीतने से कोई नहीं रोक सकता. उन्होंने माकपा की भी आलोचना की. श्री बराइक ने कहा कि माकपा में रहकर काम करने की कोई आजादी नहीं थी. तृणमूल में रहकर वह पूरी आजादी के साथ काम कर पा रहे हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि उनके भाई के साथ पारिवारिक संबंध काफी अच्छे हैं. दोनों भाइयों के बीच राजनीतिक मतभेद भर है. बुलुचिक बराइक के तीन भाई हैं. सबसे छोटे भाई का नाम देवनंदनचिक बराइक है. पिता फिरूचिक बराइक की पांच साल पहले मौत हो चुकी है. तीनों भाइयों के मां की मौत भी बचपन में हो गई थी. तीनों भाइयों का घर माल ब्लॉक के रंगामाटी चाय बागान के सुंदरी लाइन में है.

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