जलपाईगुड़ी. पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के चोरी हुए सामानों की खरीद मामले के मास्टरमाइंड को आरपीएफ ने धर दबोचा है. दिलीप अग्रवाल काफी दिनों से फरार चल रहा था. लेकिन वह पुलिस की पकड़ से बच नहीं पाया. विश्वस्त सूत्रों से मिली एक खबर के आधार पर आरपीएफ ने दिलीप अग्रवाल को सिलीगुड़ी के पास बागडोगरा से गिरफ्तार किया. वह दिल्ली से जैसे ही बागडोगरा हवाई अड्डे पर उतरा, उसे धर-दबोचा गया.
इस मामले में आरोपी होने के बावजूद उसने आत्मसमर्पण नहीं किया था. गत 16 मार्च को उसने कोलकाता हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दी थी, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था. पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे मालीगांव के अस्सिटेंट डिवीजनल सिक्यूरिटी कमिश्नर नरेन्द्र मोहन वशिष्ठ ने बताया कि बीते 15 दिनों से उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी था. श्री वशिष्ठ ने बताया कि इस मामले के दो और आरोपी संतोष सिंघानिया और प्रदीप अग्रवाल अब भी फरार हैं. इन दोनों को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जायेगा.
उल्लेखनीय है कि बीते साल सितंबर महीने में जलपाईगुड़ी के कासियाबाड़ी से रेलवे की संपत्ति ट्रक में लाद कर उठा ले जायी गयी थी. रेलवे के दस लाख रुपये के इन सामानों को गायब करने का आरोप सीनियर सेक्शन इंजीनियर जलपाईगुड़ी पीडब्ल्यूआई, एक ट्रैक मैन और पीके राय के विरुद्ध लगा था. इस मामले में बीते कुछ महीनों में पीके राय समेत कुल छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है. रेलवे की संपत्ति खरीदने-बेचने के मामले में अब केवल दो लोगों की गिरफ्तारी शेष है. श्री वशिष्ठ ने बताया कि सोमवार को दिलीप को जलपाईगुड़ी अदालत में पेश किया गया.