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कसा शिकंजा: सिलीगुड़ी से जुड़ा वन्य जीवों की तस्करी का तार, दो और तस्कर दबोचे गये

जलपाईगुड़ी: डुवार्स के जंगलों में वन्य जीव तस्करों की बढ़ी संख्या ने वन विभाग की नींद उड़ा दी है़ पिछले पंद्रह दिनों के दौरान डुवार्स क्षेत्र से वन्य प्राणियों के पांच तस्कर दबोचे गये है़ं इससे एक ओर जहां वन विभाग के अधिकारियों को संतोष है,वहीं दूसरी ओर चिंता भी है़ वन विभाग के अधिकारियों […]

जलपाईगुड़ी: डुवार्स के जंगलों में वन्य जीव तस्करों की बढ़ी संख्या ने वन विभाग की नींद उड़ा दी है़ पिछले पंद्रह दिनों के दौरान डुवार्स क्षेत्र से वन्य प्राणियों के पांच तस्कर दबोचे गये है़ं इससे एक ओर जहां वन विभाग के अधिकारियों को संतोष है,वहीं दूसरी ओर चिंता भी है़ वन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि उनकी तमाम कोशिशों के बाद भी तस्करों को पूरी तरह से खत्म कर पाना संभव नहीं हो रहा है़ इसके अलावा सबसे बड़ी परेशानी यह है कि वन्य जीवों की तस्करी का तार सिलीगुड़ी से भी जुड़ा हुआ है़.

कुछ दिनों पहले चीते की खाल के साथ दो तस्कर पकड़े गए थे़ इसके अलावा तीन दिनों पहले ही गेंडे की सींग के साथ एक तस्कर पकड़ा गया़ इस मामले की चरचा अभी खत्म भी नहीं हुयी थी कि चीते की खाल के साथ और दो तस्करों को पकड़ा गया है़ वन विभाग सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डुवार्स के गैरकाटा रोड से अरूण लिम्बू तथा राजेश मंगर दो तस्करों को पकड़ा गया़ इनके पास से बैकुंठपुर वन विभाग के कर्मचारियों ने विरल प्रजाति के क्लाउडेड चीते का खाल बरामद किया है़ उस खाल के माथे वाले भाग में गोली के निशान पाए गए है़ं वन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि पहले चीते गोली मारी गयी और बाद में उसका खाल निकाल लिया गया़ अंतराष्ट्रीय बाजार में इस खाल की कीमत लाखों में बतायी जा रही है़ इन दोनों के पास से एक मोटर साइकिल भी बरामद की गयी है़ बुधवार को दोनों को जलपाईगुड़ी अदालत में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया़ इन दो तस्करों में से अरूण दार्जिलिंग के सोनादा का रहने वाला है,जबकि दूसरा राजेश मंगर का घर अलीपुरद्वार जिले के बीरपाड़ा थानांर्गत लंकापाड़ा गांव है़ वन विभाग सूत्रों ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर यह कार्यवाही की गयी़ दोनों ही तस्कर बाइक में सवार होकर सिलीगुड़ी जा रहे थे़ पहले से ही गुप्ता सूचना होने की वजह से वन कर्मियों ने दोनों की बाइक रोक कर तालाशी ली़ उसके बाद चीते के खाल को बरामद किया गया़ इसके साथ वन्यजीवों के तस्करी का तार सिलीगुड़ी से भी जुड़ गया है़ वन विभाग सूत्रों ने बताया कि डुवार्स की जंगल में सक्रिय तस्कर हाथी दांत,गेंडे की सींग,बाघ अथवा चीते की खाल आदि की बिक्री सिलीगुड़ी में किसी को करते हैं. उसके बाद यहां से इन सामानों को नेपाल के रास्ते अन्य देशों में भेज दिया जाता है़जो दो तस्कर दबोचे गए यह दोनों भी सिलीगुड़ी में किसी को इस खाल को सौंपने वाले थे़ वन विभाग उसकी तालाश कर रही है़ इसके अलावा इस काम में पुलिस की भी मदद ली जा रही है़ पूछताछ के दौरान इन दोनों तस्करों ने बताया है कि दोनों इसे नेपाल में सक्रिय तस्कर कुमार थापा को देने जा रहा था़ इसकी डिलेवरी सिलीगुड़ी में की जानी थी़ कुमार थापा वन्य जीव तस्करी के मामले में कुख्यात है़ वह नेपाल का रहने वाला है़ वह भारतीय वन विभाग के मोस्ट वांटेड की सूची में शामिल है़ इन दोनों ने आगे बताया है कि शिकारियों से दोनों ने इस खाल को दस लाख रुपये में खरीदा और कुमार थापा को चौदह लाख रूपये में देने वाले थे़ इधर,वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि क्लाउडेड चीता उत्तर बंगाल के नेवरा वैली बक्शा बाघ वन में पाये जाते हैं.

इस प्रजाति के चीते यहां से भूटान के जंगलों में भी चले जाते हैं. संभवत: भूटान में ही चीते को गोली मारी गयी होगी़ जो दोनों तस्कर पकड़े गए हैं वह इस मामले में कुछ भी नहीं बता पा रहे हैं.

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