सिलीगुड़ी. तणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी का पहाड़ या फिर समतल से विधानसभा चुनाव लड़ने की योजना है. यह विचार है गोजमुमो सुप्रीमो विमल गुरूंग का. वह सोमवार को सिलीगुड़ी में दार्जिलिंग मोड़ के पास मंगल मायती भवन में तराई क्षेत्र के मोर्चा नेताओं के साथ एक बैठक के बाद मीडिया से मुखातिब हो रहे थे. उन्होंने कहा कि इसी उद्देश्य से ममता बार-बार उत्तर बंगाल और पहाड़ का दौरा कर रही हैं.
श्री गुरूंग ने कहा कि ममता जब भी पहाड़ आती हैं तभी जातिगत राजनीति कर पहाड़ को तोड़ने की कोशिश करती हैं. उन्होंने ममता को चेतावनी देते हुए कहा कि पहाड़ पर जातिगत राजनीति और बर्दाश्त नहीं की जायेगी और न ही तृणमूल को पहाड़-तराई-डुवार्स में मोरचा जीतने देगी. श्री गुरूंग का कहना है कि तणमूल को चुनाव हराने के लिए मोरचा एड़ी-चोटी एक कर देगी. तणमूल को छोड़कर मोरचा अन्य किसी भी विरोधी पार्टियों का आलिंगन कर सकती है. वह फिर चाहे वाम मोरचा या फिर कांग्रेस ही क्यों न हो.
उन्होंने कहा कि 2011 के विधानसभा चुनाव में वाम मोरचा को हराने के लिए मोरचा ने ममता से हाथ मिलाया था. लेकिन ममता ने धोखा दिया. यह सबसे बड़ी भूल थी. लेकिन इस बार मोरचा यह भूल दोबारा नहीं दोहरायेगी. उन्होंने ममता सरकार पर पहाड़ पर विकास न करने के लिए जीटीए को कोई सहयोग न करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि फिलहाल चुनाव सामने है इसलिए ‘गोरखालैंड’ आंदोलन बंद है लेकिन चुनाव समाप्त होते ही केवल पहाड़-तराई-डुवार्स ही नहीं बल्कि दिल्ली में भी वापस आंदोलन शुरू करेंगे.
उन्होंने कहा चुनाव से पहले तराई में गोरखा, आदिवासी, राजवंशी के अलावा भी सभी जातियों-संप्रदायों को साथ लेकर एक महाअधिवेशन मोरचा करने जा रही है. फिलहाल इस अधिवेशन की तारीख तय नहीं हुई है. जल्द ही तारीख की भी आधिकारिक रूप से घोषणा कर दी जायेगी. आज श्री गुरूंग के साथ मोरचा के महासचिव रोशन गिरि के अलावा बड़ी संख्या में नेता-कार्यकर्ता मौजूद थे.