सिलीगुड़ी: राज्य की मुख्यमंत्री ने गलत बयानबाजी करते हुए चाय श्रमिकों के दिल पर गहरा आघात किया है. डुआर्स के बंद व शिथिल चाय बागानों में चाय श्रमिकों की मौत भूख व चिकित्सा के अभाव में हो रही है. यह कहना है भारतीय मजदूर संघ के राज्य अध्यक्ष पुजीता सरकार का. रविवार को सिलीगुड़ी में पत्रकारों को संबोधित करते पुजीता सरकार ने बताया कि गत नंवबर महीने के चार एवं पांच तारीख को किये गये सर्वे की रिपोर्ट राज्य व केंद्र सरकार को सौंपी है.
श्रीमती सरकार ने बताया कि चाय श्रमिक वर्तमान में भयंकर समस्या से जूझ रहे हैं. समाज के अन्य गरीबों से भी चाय श्रमिक की जिंदगी बदतर हो चली है. राशन, बिजली यहां तक कि बागान के श्रमिक पेयजल के लिए भी तरस रहे हैं. हजारों की श्रमिक संख्या वाले बागानो में मात्र दो या तीन घंटे के लिये सप्लाई का पानी आ रहा है, जिससे कुछ श्रमिकों को पानी मिलता है एवं कुछ को नहीं.
बिजली बिल का बकाया दिनञप्रतिदिन बढ़ने से बिजली कंपनी ने कई चाय बागानों की बिजली काट दी है. श्रमिक संगठनों पर आरोप लगाते हुए श्रीमती सरकार ने कहा कि विभिन्न राजनीतिक श्रमिक संगठन अपने दलीय सिद्धांत के अनुरूप कार्य कर रहे है, जिसके फलस्वरूप वे अपने उद्देश्य से भटक रहे हैं. श्रमिकों को मिलने वाला राशन अत्यंत निम्न मानदंड का है. बागानों में चिकित्सा व्यवस्था का अभाव होने की वजह से भी अधिकांश श्रमिकों की मौत हुई. केंद्र सरकार को चाय श्रमिकों के हित के लिए अपनी नीति बदलने की जरूरत है. श्रीमती सरकार ने चाय श्रमिकों के आंदोलन को जायज ठहराते हुये समर्थन दिया है. इस पत्रकार सम्मेलन में श्रीमती सरकार के अतिरिक्त भारतीय मजदूर संघ के दार्जिलिंग जिला के संयोजक विश्वजीत गुहा उपस्थित थे.