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रंजनशील शर्मा ने जलपाईगुड़ी कोर्ट में किया आत्मसमर्पण

सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी नगर निगम के 37 नंबर वार्ड के तृणमूल वार्ड पार्षद रंजनशील शर्मा ने शुक्रवार को जलपाईगुड़ी अदालत में आत्मसमर्पण किया. शर्मा पर वार्ड की घुघुमाली नेताजी बाजार कमिटी के एक हिस्से ने कमिटी के कार्यालय को दखल कर शराब का अड्डा बनाने का आरोप लगाकर मामला दायर किया था. नेताजी बाजार कमिटी का […]

सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी नगर निगम के 37 नंबर वार्ड के तृणमूल वार्ड पार्षद रंजनशील शर्मा ने शुक्रवार को जलपाईगुड़ी अदालत में आत्मसमर्पण किया. शर्मा पर वार्ड की घुघुमाली नेताजी बाजार कमिटी के एक हिस्से ने कमिटी के कार्यालय को दखल कर शराब का अड्डा बनाने का आरोप लगाकर मामला दायर किया था. नेताजी बाजार कमिटी का आरोप है कि बाजार कमिटी के कार्यालय को शराब का अड्डा बनाने का विरोध करने पर रंजनशील शर्मा व उनके दल ने बाजार कमिटी के सदस्यों के साथ धारदार हथियारों व लाठी आदि से मारपीट भी की. वार्ड पार्षद शर्मा सहित छह लोगों के विरुद्ध बाजार कमिटी ने भक्ति नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी.

शुक्रवार को शर्मा सहित छह लोगों ने जलपाईगुड़ी अदालत में आत्मसमर्पण किया. रंजनशील शर्मा ने बताया कि अपने वार्ड के बाजार कमिटी का कार्यालय दखल करने का सवाल ही नहीं उठता. उन्होंने नेताजी बाजार कमिटी पर प्रत्यारोप करते हुये कहा कि बाजार कमिटी होने के बाद भी बाजार की अवस्था बेहाल है, व्यवसायियों को किसी भी तरह की परिसेवा बाजार कमिटी की ओर से मुहैया नहीं करायी जा रही है. इसलिये स्थानीय वार्ड पार्षद होने के नाते बाजार को विकसित करने के लिये उन्होंने कदम उठाया था. इसी कदम पर बाजार कमिटी के स्वार्थी लोंगो पर गहरा आघात हुआ. उन्हीं स्वार्थी लोगों ने बाजार का विकास कार्य रोकने के लिए मुझ पर एक झूठा आरोप लगाकर षड्यंत्र रचा है.

घुघुमाली के नेताजी बाजार के व्यवसायियों की एकजुटता के आगे तृणमूल के दबंग नेता रंजनशील शर्मा घुटना टेकने को मजबूर हुए. पांच नंबर बोरो कमेटी के चेयरमैन व 37 नंबर वार्ड के तृणमूल पार्षद रंजनशील शर्मा को अंतत: आत्मसमर्पण करना पड़ा. बुधवार की रात को उनकी दबंगई के खिलाफ एवं गिरफ्तारी की मांग को लेकर स्थानीय व्यावसायियों ने प्रतिवाद रैली निकाली थी. आरोप है कि इस दौरान शर्मा ने अपने समर्थकों के साथ व्यवसायियों पर लाठी-डंडों से हमला किया और उन्हें बेदर्दी के साथ पीटा. इस हमले में पांच प्रदर्शनकारी व्यवसायी जख्मी भी हुए थे. उसी रात पीड़ित व्यवसायियों की ओर से भक्तिनगर थाने की आसीघर पुलिस चौकी में एफआइआर दर्ज करायी गयी. लेकिन आरोपी के तृणमूल नेता होने की वजह से पुलिस ने दो दिनों तक कोई कार्रवाई नहीं की. दूसरी ओर, वार्ड पार्षद शर्मा ने भी आसीघर पुलिस चौकी में व्यवसायियों के विरुद्ध उन पर झूठा आरोप लगाने व बदनाम करने का मामला दायर किया था.

नेताजी बाजार मार्केट कमिटी के सचिव मनिन्द्र नाथ साहा कहना है कि रंजनशील शर्मा की दबंगई की वजह से स्थानीय व्यवसायी ही नहीं, बल्कि आम नागरिक भी काफी परेशान हैं. श्री साहा ने कहा कि शर्मा पर एक-दो नहीं, बल्कि अनगिनत मामले थानों में दर्ज हैं, लेकिन तृणमूल नेता होने के कारण पुलिस उनके गिरेबान को पकड़ने से डरती है. उन्होंने कहा कि व्यवसायी समिति के कार्यालय का इस्तेमाल करने के लिए तृणमूल नेताओं को सीधे इनकार कर दिये जाने से शर्मा आगबबूला हो उठे और अपने गुर्गों के साथ उन्होंने कार्यालय में जबरन ताला जड़ दिया. इसका प्रतिवाद करते हुए जब व्यवसायी जुलूस निकालते हुए पुलिस चौकी जा रहे थे, तब उन्होंने हमला बोल दिया.
अपनी हरकतों से रहते हैं चर्चा में
विदित हो कि तृणमूल नेता रंजनशील शर्मा अपनी हरकतों की वजह से हमेशा सुर्खियों में बने रहते हैं. उन पर धौंस दिखाने, जबरन चंदा वसूलने, धमकी देने, मारपीट व धांधली जैसे कई आरोप लगते आये हैं. इससे पहले जिला स्कूल निरीक्षक के चेहरे पर थूक फेंकने का भी आरोप उन पर लगा था. इसके बाद शर्मा के नाम के साथ ‘थू-थू’ नेता का तमगा लग गया था.

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