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अशोक लीलैंड को 3600 वाहनों का ऑर्डर

सिलीगुड़ी. हिंदूजा समूह की कंपनी अशोक लिलैंड को दो सौ मिलियन डॉलर मूल्य के 3600 वाहनों की आपूर्ति का ऑर्डर मिला है़ इन वाहनों में ट्रक एवं बसें शामिल हैं. एक साल में इन वाहनों की आपूर्ति की जानी है. यह जानकारी कंपनी के प्रबंध निदेशक विनोद के डासरी ने एक प्रेस बयान जारी कर […]

सिलीगुड़ी. हिंदूजा समूह की कंपनी अशोक लिलैंड को दो सौ मिलियन डॉलर मूल्य के 3600 वाहनों की आपूर्ति का ऑर्डर मिला है़ इन वाहनों में ट्रक एवं बसें शामिल हैं. एक साल में इन वाहनों की आपूर्ति की जानी है. यह जानकारी कंपनी के प्रबंध निदेशक विनोद के डासरी ने एक प्रेस बयान जारी कर दी है. उन्होंने इतना बड़ा ऑर्डर देने के लिए अफ्रीकी देश कोटे डी लवॉयर की सरकार का शुक्रिया भी अदा किया है.

समय से पहले ही बाजार में आया खजूर का गुड़

कृषि विभाग के अधिकारी हैरान, मिलावटी होने की संभावना

मालदा : खजूर का रस निकलने का अभी कोई मौसम नहीं है. उसके बाद भी मालदा का बाजार खजूर गुड़ से पट गया है. स्थानीय लोग इस गुड़ के मिलावटी होने की संभावना व्यक्त कर रहे हैं.

इन लोगों का कहना है कि विभिन्न प्रकार के केमिकल तथा शैकरीन से बने गुड़ को खजूर गुड़ बोल कर बाजार में चलाया जा रहा है. ऐसे गुड़ का उपयोग सेहत के लिए काफी हानिकारक है. बर्द्धमान में इस प्रकार के खजूर गुड़ की कीमत 80 से लेकर 100 रुपये प्रति किलो है. शहर के चितरंजन, नेताजी मार्केट, काजी अजहरूद्दीन मार्केट सहित बाजार के विभिन्न इलाकों में ऐसे मिलावटी गुड़ की भरमार है. स्वाद एवं देखने में यह गुड़ खजूर गुड़ की तरह ही है. लेकिन गुणवत्ता के मामले में यह काफी नीचे के स्तर का है.

स्थानीय लोगों का कहना है कि अभी खजूर के रस का मौसम नहीं है. ठंड शुरू होने से पहले ही खजूर गुड़ की बिक्री अपने आप में आश्चर्यजनक भी है. जो लोग इस बात को नहीं जानते वह इस नकली गुड़ को खरीद कर अपने सेहत को नुकसान पहुंचा रहे हैं. पुश महीने में बंगाली समुदाय के लोग खजूर की गुड़ से पीठा, पूली, खीर आदि सहित तरह-तरह के पकवान बनाते हैं. ऐसे में बंगाली समुदाय के बीच इस गुड़ की काफी मांग है.

मालदा शहर में कई स्थानों पर बड़े पैमाने पर खजूर की खेती की जाती है. शहर के अमृति, मिल्की , अदिना, मानिकचक सहित कई इलाकों में बड़े पैमाने पर खजूर के पेड़ हैं. किसानों के अनुसार, अभी खजूर का रस तैयार नहीं हुआ है. किसी भी खजूर के पेड़ से रस निकालने का काम नहीं चल रहा है. ऐसे में खजूर के रस से बने गुड़ के बाजार में आने की कोई संभावना नहीं है. निश्चित रूप से मिलावटी गुड़ की बिक्री खजूर गुड़ के रूप में की जा रही है.

कृषि विभाग के अधिकारियों का भी कुछ ऐसा ही कहना है. कृषि विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि हो सकता है कि पिछले वर्ष बने खजूर के गुड़ को बाजार में उतार दिया गया हो. अभी खजूर का रस निकलने का मौसम नहीं है. स्वाभाविक तौर पर बाजार में बिक रहे गुड़ या तो मिलावटी हैं या फिर पिछले वर्ष के बने हुए हैं. ऐसे अभी तक कृषि विभाग से किसी ने भी इस संबंध में कोई शिकायत नहीं की है.

शिकायत मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी. इस संबंध में मालदा मचेन्ट्स चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष जयंत कुंडू का कहना है कि ठंड के मौसम में खजूर गुड़ की बिक्री का प्रचलन पूरे जिले में है. अब यह असली है या नकली, इस संबंध में कुछ नहीं कह सकते. यदि नकली और मिलावटी गुड़ की बिक्री हो रही है, तो यह काफी खतरनाक है. प्रशासन को इस मामले में कार्रवाई करनी चाहिए. वह स्वयं भी इस मामले में तथ्यों को जुटायेंगे.

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