उल्लेखनीय है कि सिलीगुड़ी गर्ल्स हाईस्कूल पर इन दिनों हरेक छात्राओं से 550 रुपये फीस लेने का आरोप लगा रहा है, जबकि नियमानुसार 240 रुपये फीस ही लगना चाहिए. श्री कर ने कहा कि इस स्कूल में शिक्षकों की कमी है. शिक्षकों के 13 पद अभी भी खाली पड़े हुए हैं. कई शिक्षकों के रिटायर होने के बाद भी इस स्कूल में वर्ष 2010 से ही नये शिक्षकों की नियुक्ति बंद है. इसके अलावा बीच-बीच में किसी न किसी के अवकाश पर रहने की बात भी सामने आती रहती है. कई विभागों में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए निजी शिक्षकों तथा अन्य कर्मचारियों को रखना पड़ा है. 11वीं तथा 12वीं के कक्षा में पढ़ाने के लिए फिजिक्स में एक, केमेस्ट्री में एक तथा कॉमर्स में एक शिक्षक है. संस्कृत विभाग में तो शिक्षक ही नहीं है. इन शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए ही अलग से शिक्षकों तथा कुछ अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति की है. इन लोगों को प्रति महीने 57 हजार 500 रुपये का वेतन भुगतान करना पड़ता है. अगर अधिक फीस न ली जाये तो सभी शिक्षकों को वेतन के अभाव में काम से हटाना पड़ेगा.
श्री कर ने आगे कहा कि अधिक फीस लेने के मामले को लेकर स्कूल प्रबंधन समिति की अभिभावकों के साथ एक बैठक हुई थी. उसी बैठक में अधिक फीस लेने का निर्णय लिया गया था. इस मुद्दे पर वह शीघ्र ही अभिभावकों की एक और बैठक बुलायेंगे. अगर अभिभावक अधिक फीस देने के लिए तैयार नहीं होंगे तो स्कूल प्रबंधन समिति द्वारा अलग से रखे गये सभी शिक्षकों एवं कर्मचारियों को हटा दिया जायेगा. इस मुद्दे पर कांग्रेस शिक्षा सेल के सचिव सुजीत दास ने स्कूल प्रबंधन समिति पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि यदि अभिभावकों की मीटिंग में इस बात की सहमति बनी थी तो इसकी जानकारी डीआई कार्यालय को दी जानी चाहिए थी.