सिलीगुड़ी. रैगिंग को लेकर उत्तर बंग विश्वविद्यालय का माहौल आज शुक्रवार को अचानक गर्म हो गया. विश्वविद्यालय प्रशासन ने एंटी रैगिंग कमेटी के सिफारिश पर बृहस्पतिवार को ही 26 छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की है और इन सभी लोगों को होस्टल से निकाल दिया गया है.
विश्वविद्यालय प्रशासन की इस कार्रवाई का छात्र विरोध कर रहे हैं. इसको लेकर आज छात्र-छात्राओं ने अपनी-अपनी कक्षाओं का बहिष्कार किया और उसके बाद विश्वविद्यालय में बंद की घोषणा कर दी गई. उल्लेखनीय है कि इस विश्वविद्यालय के रामकृष्ण होस्टल में सितंबर महीने में रैगिंग की घटना घटी थी.
रैगिंग से परेशान कंप्यूटर अप्लीकेशन विभाग के प्रथम वर्ष के एक छात्र ने होस्टल खाली कर दिया था. इस मामले की शिकायत विश्वविद्यालय प्रशासन से भी की गई थी. उस छात्र ने अपने सीनियर छात्रों पर लगातार रैगिंग करने का आरोप लगाया था. शिकायत मिलने के बाद विश्वविद्यालय के एंटी रैगिंग कमेटी ने इसकी जांच शुरू कर दी और रिपोर्ट आने के बाद 26 छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. इन सभी छात्रों को होस्टल खाली करने का फरमान जारी किया गया है. विश्वविद्यालय प्रशासन के इस आदेश के बाद से आज शुक्रवार से छात्र आंदोलन कर रहे हैं. तृणमूल छात्र परिषद पर आंदोलन को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है. हालांकि तृणमूल छात्र परिष के नेता अभिजीत मुखर्जी ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है.
अभिजीत मुखर्जी का कहना है कि टीएमसीपी का इससे कोई लेना-देना नहीं है. विश्वविद्यालय के आम छात्रों ने बंद का आह्वान किया है. उन्होंने यह जरूर कहा कि रैगिंग रोकने के नाम पर किसी निर्दोष छात्र के खिलाफ कार्रवाई नहीं होनी चाहिए. उनके पास जो सूचना है, उसके अनुसार 26 छात्रों में से अधिकांश निर्दोष हैं. श्री मुखर्जी ने आगे कहा कि वह लोग भी रैगिंग का समर्थन नहीं करते. लेकिन रैगिंग रोकने के नाम पर निर्दोष छात्रों के खिलाफ कार्रवाई बर्दाश्त नहीं की जायेगी. उन्होंने इस पूरे मामले की जांच की मांग की. उन्होंने कहा कि पूरे मामले की उचित जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. दूसरी तरफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एवीबीपी) ने आज की इस हड़ताल के लिए तृणमूल छात्र परिषद को दोषी ठहराया है. संगठन के उत्तर बंग विश्वविद्यालय के यूनिट सचिव अरिजीत दास ने कहा है कि तीन महीने की जांच के बाद एंटी रैगिंग कमेटी ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की है. उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन के इस कार्रवाई का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि रैगिंग रोकने को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई का समर्थन होना चाहिए, जबकि टीएमसीपी की ओर से अकारण ही इसका विरोध किया जा रहा है.
क्या कहते हैं वाइस चांसलरः उत्तर बंग विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर सोमनाथ बोस का इस मामले पर कहना है कि 26 छात्रों के खिलाफ एंटी रैगिंग कमेटी की सिफारिश के हिसाब से कार्रवाई की गई है. वह इस मामले में कुछ भी नहीं कर सकते. यूजीसी के नियमानुसार एंटी रैगिंग कमेटी द्वारा की गई कार्रवाई में वाइस चांसलर को भी हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है. उन्होंने आंदोलनरत छात्रों से आंदोलन खत्म करने की भी अपील की. श्री बोस ने कहा कि यदि छात्र चाहें तो इस कार्रवाई के विरोध में चांसलर तथा राज्य के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी के पास अपील कर सकते हैं. आगे की कार्रवाई का अधिकार उन्हीं के पास है. ऐसे में छात्र-छात्राओं को आंदोलन नहीं कर अपनी पढ़ाई करनी चाहिहए.
क्या है मामला ः उत्तर बंग विश्वविद्यालय के रामकृष्ण होस्टल में सितंबर महीने में रैगिंग की घटना हुई थी. उसके बाद विश्वविद्यालय के एंटी रैगिंग कमेटी ने इसकी जांच की और 26 छात्रों को दोषी ठहराया. इन सभी छात्रों को तीन वर्ष के लिए होस्टल से निष्कासित कर दिया गया है. इसके अलावा छह अन्य छात्रों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है. इन छह छात्रों को छह महीने के लिए होस्टल खाली करने के लिए कहा गया है. इसके साथ ही सभी दोषी छात्रों की स्कॉलरशिप तथा फेलोशिप रोक दी गई है. यह लोग तीन वर्षों तक विश्वविद्यालय की ओर से किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकते.