सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी महिला कॉलेज के छात्र संसद पर एसएफआई का कब्जा होने के बाद भी छात्र संसद को किसी भी प्रकार के काम की आजादी नहीं है. नयी छात्रओं के वेलकम कार्यक्रम के साथ ही सोशल कार्यक्रम आदि करने पर भी मनाही है. इतना ही नहीं, एसएफआई समर्थक छात्रओं को तृणमूल समर्थित छात्र संगठन टीएमसीपी के नेताओं के छेड़छाड़ का भी शिकार होना पड़ रहा है.
यह आरोप एसएफआई की महासचिव अस्मिता विश्वास ने लगाया है. अस्मिता अपने दो अन्य सदस्यों कल्चरल सचिव प्रियंका कुमारी तथा जिनिया घोष के साथ यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रही थी. अस्मिता विश्वास ने कहा कि पिछले वर्ष महिला कॉलेज के छात्र संसद की 21 सीटों में से 21 पर ही एसएफआई ने कब्जा कर लिया था. बाद में संगठन विरोधी गतिविधियों के आरोप में दो छात्रओं को निष्कासित कर दिया गया.
अभी भी 19 सीटों पर एसएफआई का कब्जा है. इसके बावजूद किसी भी प्रकार के कार्यक्रम आदि करने में परेशानी हो रही है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि टीएमसीपी नेता तथा उनके समर्थक महिला कॉलेज होने के बावजूद दिन भर कॉलेज गेट के सामने अड्डा जमाये रहते हैं और लड़कियों के साथ छेड़छाड़ करते हैं. कई बार इसकी शिकायत प्रशासन तथा कॉलेज के संचालन समिति के अध्यक्ष पीयूष कांति घोष से की गई, लेकिन इसका कोई लाभ नहीं हुआ. अस्मिता विश्वास ने आरोप लगाते हुए कहा कि हर वक्त ही 25 से 30 तृणमूल समर्थक कॉलेज गेट के सामने खड़े रहते हैं. उन लोगों पर बार-बार एसएफआई छोड़ने का दबाव बनाया जा रहा है.
उनके दबाव के बावजूद एसएफआई नहीं छोड़ने के कारण अब टीएमसीपी नेता उन पर घोटाले का आरोप लगा रहे हैं. अस्मिता विश्वास ने कहा कि कॉलेज फंड के एक भी रुपये के हेराफेरी की बात सामने आती है तो वह अपना दोष स्वीकार कर लेंगी. दरअसल तमाम दबावों के बाद भी तृणमूल छात्र परिषद में शामिल नहीं होने कारण उन्हें बदनाम करने के लिए झूठे आरोप लगाये जा रहे हैं. अगर कोई हेराफेरी हुई है तो तृणमूल नेताओं को सबूत के साथ सामने आना चाहिए. सिर्फ आरोप लगाकर किसी को बदनाम करने की साजिश बर्दाश्त नहीं की जायेगी. संवाददाता सम्मेलन में उपस्थित अन्य छात्रओं ने भी कहा कि टीएमसीपी के तांडव के कारण वह लोग अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रही हैं. इन लोगों ने प्रशासन से सुरक्षा देने की मांग की है.