सिलीगुड़ी. उत्तर बंगाल में पहले ही संकट के दौर से गुजर रहे चाय उद्योग का संकट आने वाले दिनों में और भी गहराने की संभावना है. टी बोर्ड के नये नियमों की वजह से परेशानी बढ़ेगी और इसका सीधा असर चाय के उत्पादन पर पड़ेगा.
सिलीगुड़ी सहित उत्तर बंगाल में छोटे-बड़े मिलाकर करीब 140 बॉटलिफ फैक्टरियां हैं, जहां चाय का उत्पादन होता है. लेकिन इन फैक्टरियों ने बुधवार से कच्ची चाय पत्तियां नहीं खरीदने का एलान किया है. बॉटलिफ फैक्टरियों के संगठन नॉर्थ बंगाल टी प्रोड्यूसर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीर शील का कहना है कि टी बोर्ड ने चाय उत्पादन में सबसे उम्दा किस्म के 65 प्रतिशत हरी पत्तियों के उपयोग का निर्देश जारी किया है, जो उत्तर बंगाल में चाय उत्पादन की परिस्थिति को देखते हुए सही नहीं है. वह आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि उत्तर बंगाल के विभिन्न चाय बागानों में चाय पत्तियों की क्वालिटी अच्छी नहीं होती है. अधिकांश चाय बागान से निम्न क्वालिटी के हरी चायपत्तियां बॉटलिफ फैक्टरियों को बेची जाती है. टी बोर्ड ने यह दिशा निर्देश टी मार्केटिंग कंट्रोल ऑर्डर (टीएमसीओ) के तहत जारी किया है.
जिसका वर्तमान परिप्रेक्ष्य में कोई औचित्य नहीं है. उन्होंने घोषणा की है कि कल बुधवार से सही बॉटलिफ फैक्टरी के मालिक सबसे उम्दा किस्म की हरी चायपत्तियां खरीदेंगे. ऐसा करने पर ही टी बोर्ड के 65 प्रतिशत उम्दा किस्म की चाय पत्तियों के सम्मिश्रण संबंधी आदेश का पालन किया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि टी बोर्ड के नये दिशा-निर्देशों के पालन करने पर छोटी बॉटलिफ फैक्टरियों पर विपरीत असर पड़ेगा. ऐसी चाय पत्तियां खरीदने के लिए उन्हें ऊंची कीमत चुकानी पड़ेगी, जबकि चाय बाजार में इतनी कीमत मिलने की संभावना नहीं के बराबर है. इतना ही नहीं, इसका असर आम उपभोक्ताओं पर भी पड़ेगा. अधिक कीमत पर कच्ची पत्तियां खरीदने के कारण चाय की कीमत भी अधिक होगी. उन्होंने कहा कि उत्तर बंगाल में बॉटलिफ फैक्टरियों की स्थिति ऐसे ही काफी खराब है.
टी बोर्ड के नये दिशा-निर्देशों से कई फैक्टरियां बंद पड़ जायेंगी और इससे कई लोग बेरोजगार हो जायेंगे. श्री शील ने आगे कहा कि आज एक बॉटलिफ फैक्टरी में 100 से लेकर 150 तक लोग काम करते हैं. इन लोगों की रोजी-रोटी पर भी इसका सीधा असर पड़ेगा. इस बीच, टी बोर्ड सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस संकट को लेकर बुधवार को ही बॉटलिफ फैक्टरियों के मालिकों को लेकर एक बैठक बुलायी गयी है. टी बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि चाय की क्वालिटी अच्छी रहे, इसके लिए जरूरी है कि सभी बॉटलिफ फैक्टरी मालिक टीएमसीओ स्टैंडर्ड का पालन करें. उन्होंने आगे कहा कि बॉटलिफ फैक्टरी मालिकों के साथ टी बोर्ड की कल होने वाली बैठक में समस्या का कोई न कोई समाधान निकल जायेगा.