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गोर्खाओं को जल्द मिले छठवीं अनुसूची : गोरामुमो

दार्जिलिंग : पहाड़ की समस्या के समाधान के लिये पश्चिम बंगाल सरकार और केन्द्र सरकार से छठी अनुसूची लागू करने का मांग गोरामुमो ने की है. रविवार को सिंहमारी तकभर समष्टि में गोरामुमो की एक सभा आयोजित की गयी. आयोजित सभा में गोरामुमो के वरिष्ठ कार्यकर्ता वाइ लामा, एमजी सुब्बा, आनन्द राई, मणिकला तमांग आदि […]

दार्जिलिंग : पहाड़ की समस्या के समाधान के लिये पश्चिम बंगाल सरकार और केन्द्र सरकार से छठी अनुसूची लागू करने का मांग गोरामुमो ने की है. रविवार को सिंहमारी तकभर समष्टि में गोरामुमो की एक सभा आयोजित की गयी. आयोजित सभा में गोरामुमो के वरिष्ठ कार्यकर्ता वाइ लामा, एमजी सुब्बा, आनन्द राई, मणिकला तमांग आदि उपस्थित रहे. आयोजित सभा को सम्बोधित करते हुये गोरामुमो नेता वाइ लामा ने कहा कि ममता बनर्जी ने राज्य की मुख्यमंत्री बनने के बाद संभालने के बाद जब-जब वो पहाड़ आती हैं तब-तब कहती हैं कि पहाड़ हास्छे.
न्यूनतम वेतन की मांगों को लेकर चल रहे गेट मीटिंग में जेवी तमांग के साथ चाय बगानों के भ्रमण करने का मौका मिल रहा है. परन्तु चाय श्रमिकों की अवस्था दयानीय है. ऐसी अवस्था में पहाड कैसे हंस सकता है. लामा ने मुख्यमंत्री की बातों पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि शायद मुख्यमंत्री की सोच में पहाड़ हंसता होगा, लेकिन असल में ऐसा कुछ भी नहीं है. चाय श्रमिकों की अवस्था को देखकर कंचनजंघा रो रही है.
इन बातों को ध्यान में रखकर गोरामुमो के संस्थापक अध्यक्ष सुवास घीसिंग ने छठी अनुसूचि की बातें कही थी. लेकिन उसमें भी राजनीतिकरण करके गोर्खाओ के भाग्य में ग्रहण लगा दिया. गोरामुमो नेता आनन्द राई ने कहा कि गोजमुमो ने राज्य विश्वविद्यालय को गोर्खालैंड से तुलना कर रही है. गोर्खालैंड से राज्य विद्यालय को जोड़ना हास्यापद है.

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