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नक्सलबाड़ी ग्राम पंचायत पर तृणमूल का कब्जा तय
सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी के निकट नक्सलबाड़ी ग्राम पंचायत पर तृणमूल कांग्रेस का कब्जा तय है. क्योंकि माकपा के 2 सदस्य तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए हैं . उसके बाद से ही इस ग्राम पंचायत पर कब्जा करने के लिए तृणमूल की सक्रियता बढ़ गई है. नक्सलबाड़ी ग्राम पंचायत के माकपा के दो सदस्य नारायण […]
सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी के निकट नक्सलबाड़ी ग्राम पंचायत पर तृणमूल कांग्रेस का कब्जा तय है. क्योंकि माकपा के 2 सदस्य तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए हैं . उसके बाद से ही इस ग्राम पंचायत पर कब्जा करने के लिए तृणमूल की सक्रियता बढ़ गई है. नक्सलबाड़ी ग्राम पंचायत के माकपा के दो सदस्य नारायण खोरिया तथा विजय उरांव कल 1 मई को तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए हैं.
इन दोनों के तृणमूल में शामिल होने की पूरी प्रक्रिया भी काफी नाटकीय रही. सोमवार को दोनों पंचायत सदस्य अचानक लापता हो गए थे. तब कहा गया था कि तृणमूल कांग्रेस ने इनका अपहरण किया है. इस घटना को लेकर पूरे नक्सलबाड़ी इलाके में काफी गहमागहमी मची हुई थी. एक दिन बाद ही तृणमूल कांग्रेस के जिला अध्यक्ष तथा राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव की उपस्थिति में यह दोनों तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए .
इस मौके पर कल मंगलवार को नक्सलबाड़ी में एक विशेष समारोह का भी आयोजन किया गया था. उसी में मंत्री गौतम देव ने इन दोनों को तृणमूल कांग्रेस का झंडा देकर पार्टी में शामिल किया. इसके साथ ही 26 सदस्यीय इस ग्राम पंचायत में तृणमूल सदस्यों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में माकपा के कुछ और सदस्य तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो जाएंगे. उल्लेखनीय है कि नक्सलबाड़ी ग्राम पंचायत में सीटों की कुल संख्या 26 है. पिछली बार के पंचायत चुनाव में 15 सीटों पर माकपा तथा उसके सहयोगी दलों की जीत हुई थी. जबकि तृणमूल कांग्रेस को मात्र 10 सीटें मिली थी.
एक सीट पर भाजपा का कब्जा है. 15 सीटों पर जीत हासिल कर वाममोर्चा ने यहां बोर्ड का गठन किया. पिछले पंचायत चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की सिलीगुड़ी महकमा इलाकों में करारी हार हुई थी. इसबीच, राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव ने शीघ्र ही नक्सलबाड़ी ग्राम पंचायत पर तृणमूल कांग्रेस का कब्जा होने का दावा किया है. उन्होंने कहा है कि तृणमूल के सीटों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है. अगले 1 सप्ताह के अंदर माकपा के और भी कई सदस्य तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो जाएंगे. करीब 15 दिन बाद ढ़ाई साल पूरा होते ही वर्तमान वाममोर्चा बोर्ड के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की भी तैयारी की जा रही है. श्री देव ने कहा कि नियमानुसार बोर्ड गठन के ढाई साल तक अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता. अगले सप्ताह ढाई साल की समय सीमा समाप्त हो रही है.
उसके बाद ही वाम मोर्चा बोर्ड के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा. उन्होंने आगे बताया कि 12 मई के बाद कभी भी अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है. इसके साथ ही नक्सलबाड़ी ग्राम पंचायत पर तृणमूल कांग्रेस का कब्जा हो जाएगा. यहां यह भी बता दें कि तृणमूल कांग्रेस सिलीगुड़ी महकमा के विरोधी दलों तमाम ग्राम पंचायतों के साथ ही सिलीगुड़ी परिषद पर भी कब्जा करने की तैयारी में जुटी हुई है. ढाई साल की समय सीमा नजदीक आने के साथ ही तृणमूल कांग्रेस की सक्रियता काफी बढ़ गई है. पिछले सप्ताह ही महकमा परिषद के माकपा सदस्य छोटन किस्कू को तृणमूल कांग्रेस ने अपनी पार्टी में शामिल किया था. तृणमूल के निशाने पर ग्राम पंचायत के साथ-साथ सिलीगुड़ी महकमा परिषद भी है.
दूसरी ओर माकपा ने तृणमूल के इस प्रयास की निंदा की है. माकपा नेता माधव सरकार ने कहा है कि राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस जोर-जबर्दस्ती विरोधियों के अधीन ग्राम पंचायतों तथा नगरपालिकाओं पर कब्जा करना चाहती है. यह एक तरह से लोकतंत्र की हत्या है. उन्होंने डरा धमका कर माकपा सदस्यों को तृणमूल कांग्रेस में शामिल करने का आरोप लगाया.
विभिन्न पार्टियों के कार्यकर्ता तृणमूल में शामिल
खोरीबाड़ी. खोरीबारी प्रखंड के बिनाबाड़ी अंचल के बन्चाभीठा बूथ नंबर 46 में विभिन्न पार्टियों के कार्यकर्ता तृणमूल में शामिल हो गये. इस अवसर पर तृणमूल के जिला उपाध्यक्ष अमर सिंहा और खोरीबारी प्रखंड अध्यक्ष हिरन्मय राय ने नव आगंतुकों का स्वागत करते हुए पार्टी का झंडा थमाया . जिला उपाध्यक्ष अमर सिंहा ने कहा कि हमारी पार्टी की सरकार रोज नयी- नयी जनकल्याणकारी योजनायें चला रही है.
आम जनता के लिये बहुत सारी योजनायें मुख्ययमंत्री ममता बनर्जी चला रही हैं . विभिन्न पार्टी के कार्यकर्ता इन्हीं तमाम योजनाओं पर भरोसा कर कर रहे हैं. इसी को देखते हुए सभी तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं.वहीं प्रखंड अध्यक्ष हिरन्मय राय ने कहा कि हमारी पार्टी में लगातार लोग जुड़ रहे हैं. तृणमूल कांग्रेस इनलोगों के विश्वास को बनाये रखेगी और जन हित में हमेशा कार्य करती रहेगी. इस मौके पर अंचल अध्यक्ष सागर मालाकार, किसान खेत मजदूर के प्रखंड अध्यक्ष सत्य कुमार सिंह के साथ-साथ अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे .
अपने ही क्षेत्र में विनय तमांग को लगा झटका
दार्जिलिंग : गोजमुमो अध्यक्ष विनय तमांग के क्षेत्र ब्लूमफिल्ड रीषिहाट अंतर्गत आर्य चाय बागान के 30 परिवारों ने मोर्चा छोड़कर गोरामुमो का दामन थाम लिया. इसकी जानकारी गोरामुमो केंद्रीय प्रवक्ता संदीप लिम्बू ने दी. उन्होंने बताया कि विनय तमांग के क्षेत्र ब्लूमफिल्ड रीषिहाट के आर्य चाय बागान क्षेत्र निवासी मोर्चा के 30 परिवारों ने गोरामुमो पर भरोसा जताते हुए पार्टी में शामिल होने की इच्छा जताई.
इसके बाद इन्हें गोरामुमो में शामिल कर लिया गया. गोरामुमो आर्य शाखा के वरिष्ठ कार्यकर्ता ज्योति राई और गौरव राई की उपस्थिति में एक सभा का आयोजन किया गया. इस सभा में सभी 30 परिवारों ने मोर्चा छोड़कर गोरामुमो का दामन दाम लिया. गोरामुमो पहाड़ पर अपने खोये जनाधार को प्राप्त करने की कवायद में लगा है. इसी के तहत पार्टी के द्वारा जीटीए के विरूद्ध आंदोलन करने की घोषणा की जा चुकी है. गोरामुमो का कहना है कि जीटीए असंवैधानिक व्यवस्था है.
इसे पहाड़ के गोर्खाओं का भला नहीं हो सकता. इसलिए गोरामुमो ने असंवैधानिक जीटीए को हटाकर संवैधानिक दागोपाप को फिर से गठन करने की मांग की है. इतना ही नहीं गोरामुमो ने जीटीए चेयरमैन के पद पर किसी निष्पक्ष व्यक्ति या अधिकारी को सौंपने की मांग की. इसी मांग को लेकर कुछ माह पहले गोरामुमो ने शहर के मोटर स्टैंड में एक जनसभा का आयोजन किया था.
गोरामुमो के आरोपों पर भड़के गोजमुमो नेता
दार्जिलिंग : बीते दिनों गोरामुमो नेताओं ने गोजमुमो कई आरोप लगाये थे. आरोप से तिलमिलाए गोजमुमो नेताओं ने कड़ा प्रतिवाद किया. दार्जिलिंग प्रेस गिल्ड में पत्रकारों को संबोधित करते हुए गोजमुमो प्रवक्ता सूरज शर्मा और केंद्रीय कमेटी सदस्य केशवराज पोखरेल ने कहा कि पिछले दिनों गोजमुमो के उपर विभिन्न प्रकार का आरोप लगाते हुए गोरामुमो ने सवाल किया था, परंतु एक बात तो साफ है कि पहाड़ की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी गोजमुमो है.
इसी को देखते हुए राज्य सरकार ने पहाड़ पर जीटीए की बागडोर गोजमुमो को सौंप दिया. पहाड़ पर मोर्चा के तीन विधायक हैं. तीन नगरपालिका बोर्ड पर गोजमुमो का कब्जा है. जबकि गोरामुमो के पास कुछ भी नहीं है. यहां तक कि पहाड़ पर गोरामुमो का एक नगर पार्षद तक नहीं है. श्री शर्मा ने कहा कि गोरामुमो द्वारा बार-बार जीटीए को असंवैधानिक बताया जाता है. जबकि दागोपाप भी असंवैधानिक व्यवस्था थी. उन्होंने बताया कि देश में कहीं भी महकमा में महकमा परिषद नहीं है, लेकिन सिलीगुड़ी को महकमा परिषद में परिणत करने के लिए बंगाल सरकार ने संविधान में दागोपाप के नाम का उल्लेख किया है.
यह प्रस्ताव लोकसभा व राज्यसभा में पारित नहीं हो सका है. इसलिए दागोपाप को भी संवैधानिक कहना उचित नहीं होगा. श्री शर्मा ने आगे बताया कि काफी मेहनत के बाद पहाड़ पर शांति लौटी है. इसे खराब करने के लिए गोरामुमो द्वारा आंदोलन की बात की जा रही है, जो पहाड़ के हित में नहीं है.
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