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कई स्कूलों के बंद होने का खतरा कर्मचारियों की हो सकती है छंटनी

कर्सियांग : अंग्रेजी माध्यम के बोर्डिंग स्कूलों के लिए प्रचलित कर्सियांग में वर्ष 2018 के दौरान इन स्कूलों की अवस्था सोचनीय बनने की संभावना है. मिली जानकारी के अनुसार इस वर्ष अधिकतर बोर्डिंग स्कूलों में अभी तक नये बच्चों की भर्ती नहीं के बराबर हो रही है. इस वर्ष बाहरी विद्यार्थियों के आगमन में भारी […]

कर्सियांग : अंग्रेजी माध्यम के बोर्डिंग स्कूलों के लिए प्रचलित कर्सियांग में वर्ष 2018 के दौरान इन स्कूलों की अवस्था सोचनीय बनने की संभावना है. मिली जानकारी के अनुसार इस वर्ष अधिकतर बोर्डिंग स्कूलों में अभी तक नये बच्चों की भर्ती नहीं के बराबर हो रही है. इस वर्ष बाहरी विद्यार्थियों के आगमन में भारी कमी आयी है.

यहां बता दें कि स्कूल खुलने के तकरीबन दो माह पहले से ही देश-विदेश से कर्सियांग क्षेत्र के बोर्डिंग स्कूलों में अध्ययन करने के लिए विद्यार्थियों की भर्ती प्रक्रिया आरंभ हो जाती थी.इस समय देश-विदेश के विविध इलाकों से आनेवाले अभिभावकों की चहल-पहल खूब होती थी.परंतु अब ऐसी बात नहीं है.अलग राज्य गोरखालैंड की मांग में कुछ दिन पूर्व दार्जिलिंग पहाड़ी क्षेत्र में हुई 104 दिवसीय अनिश्चितकालीन बंद के कारण इस क्षेत्र के बोर्डिंग स्कूलों की पढ़ाई बाधित हुई थी.फलस्वरूप बंद के दौरान अधिकतर अभिभावक स्कूलों से अपने बच्चे को ले गए.इसी बंद के कारण यहां बच्चों की संख्या में कमी आ रही है.
दार्जिलिंग पहाड़ी क्षेत्र की हालात वर्तमान में सुधरने के बावजूद बाहरी विद्यार्थियों के अभिभावकों का झुकाव अब यहां नामांकन को लेकर नहीं है.इस वर्ष यदि यहां के बोर्डिंग स्कूलों में बाहरी बच्चे नहीं आए तो कई स्कूलों के बंद होने की संभावना है.यहां के एक प्रतिष्ठित स्कूल के मालिक ने बताया कि विशेषकर बोर्डिंग स्कूलों का संचालन आवासीय विद्यार्थियों के जरिये ही होता है. यदि बोर्डिंग में विद्यार्थियों के आगमन में कमी आयी तो,नहीं चाहते हुए भी कई कर्मचारियों की छंटनी भी करनी पड सकती है. उन्होंने बताया कि बोर्डिंग स्कूलों को डे-स्कॉलर विद्यार्थियों के बल पर चलाना असंभव है. इस मामले में किसी प्रशासनिक अधिकारी से बातचीत नहीं हो सकी.

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