सिलीगुड़ी: 25 वर्ष पहले यानी छह दिसंबर को आज ही के दिन अयोध्या में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस), विश्व हिंदू परिषद (विहिप), बजरंग दल व अन्य विंग के हजारों कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद ढहाया था. तभी से ही आरएसएस और उसके अन्य विंग की ओर से प्रत्येक वर्ष छह दिसंबर को शौर्य दिवस के रूप […]
सिलीगुड़ी: 25 वर्ष पहले यानी छह दिसंबर को आज ही के दिन अयोध्या में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस), विश्व हिंदू परिषद (विहिप), बजरंग दल व अन्य विंग के हजारों कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद ढहाया था. तभी से ही आरएसएस और उसके अन्य विंग की ओर से प्रत्येक वर्ष छह दिसंबर को शौर्य दिवस के रूप में मनाया जाता है. बाबरी मस्जिद ढ़हाने के आज 25 वर्ष पूरे होने पर देश भर में रजत जयंती वर्ष मनाया जा रहा है.
इस उपलक्ष पर बुधवार को सिलीगुड़ी में भी विहिप और बजरंग दल द्वारा शौर्य दिवस मनाने का कार्यक्रम था. लेकिन सिलीगुड़ी पुलिस ने कोई कार्यक्रम नहीं करने दिया. दिन के 11 बजे विहिप और बजरंग दल द्वारा कचहरी रोड स्थित मुख्य डाकघर के सामने एक पथसभा के जरिये शौर्य दिवस मनाने की योजना थी. इसके लिए सिलीगुड़ी की सड़कों व डिवाइडरों पर भगवा ध्वज लगाने के आरोप में सिलीगुड़ी थाना की पुलिस ने विहिप और बजरंग दल के पांच युवा कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर दिन भर थाने में रखा. हालांकि शाम को पुलिस ने सभी को निजी मुचलके पर थाने से ही छोड़ दिया.
पुलिस ने सुबह तकरीबन साढ़े सात बजे स्थानीय हाशमी चौक से विहिप के सिलगुड़ी जिला इकाई के सह-सचिव राकेश अग्रवाल, विहिप के उत्तर बंगाल प्रांत सह संगठन मंत्री अनुप मंडल, बजरंग दल के युवा कार्यकर्ता महावीर ठाकुर व जय पाल को हिरासत में लिया. बाद में पुलिस की इस कार्यवाई का विरोध करने के आरोप में थाना कैंपस से ही विहिप के नगर प्रमुख संजीव गुप्ता को हिरासत में लिया. पांच कार्यकर्ताओं को पुलिस हिरासत में लिये जाने की खबर फैलते ही आरएसएस, विहिप और बजरंग दल के वरिष्ठ पदाधिकारी और स्वंयसेवक भारी तादाद में थाना में इकट्ठे हुए. साथ ही पुलिस अधिकारियों से बातचीत कर इस कार्यवाही का विरोध जताया. हिरासत में लिये गये पांचों कार्यकर्ताओं को थाने के हवालात में रखे जाने का भी विरोध किया. भाजपा नेता व अधिवक्ता अखिल विश्वास ने पुलिस अधिकारियों से बातचीत कर पांचों कार्यकर्ताओं को हवालात से बाहर निकलवाया.
विहिप ने जताया विरोध
शौर्य दिवस नहीं मनाने देने और कारसेवकों को हिरासत में लेने के पुलिसिया कार्रवायी का विहिप ने विरोध जताया है. विहिप के सिलीगुड़ी जिला इकाई के सेवा प्रमुख सुशील रामपुरिया का कहना है कि यह कार्रवायी पुलिस का अत्याचार है. आज शौर्य दिवस मनाने और सिलीगुड़ी मुख्य डाकघर के सामने शांति और लोकतांत्रिक तरीके से पथसभा के आयोजन की सिलीगुड़ी थाना को पहले ही चिट्ठी दी गयी थी. लेकिन पुलिस ने अनुमति नहीं दी. इसके बावजूद संगठन की ओर से पुलिस को शांतिपूर्ण तरीके से पथसभा के आयोजन की गुजारिश की थी.
सिलीगुड़ी किले में तब्दील
शौर्य दिवस को लेकर सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने पूरे सिलीगुड़ी शहर को ही किले में तब्दील कर दिया था. शहर के मुख्य सड़कों खासकर हाशमी चौक और पथ सभा के आयोजन स्थल पर सुबह से ही भारी पुलिस बल मुश्तैद थी. हाशमी चौक पर पुलिस ने दो वाटर वैन ‘वज्र’ को भी दिन भर खड़ा रखा. दूसरी ओर खाकी वर्दी के साथ-साथ सादी वर्दी में भी पुलिस आरएसएस, विहिप, बजरंग दल व अन्य विंगों के अलावा भाजपा के गतिविधि पर भी कड़ी नजर रख रही थी. खासकर स्थानीय हाकिमपाड़ा स्थित आरएसएस के उत्तर बंगाल मुख्यालय माधव भवन और हाशमी चौक स्थित भाजपा के सिलीगुड़ी जिला मुख्यालय जयदीप भवन पर पुलिस की पैनी नजर थी.