बाद में 1992 में कक्षा 5वीं में इंगलिश लैंग्वेज भाषा को दुबारा रखा गया. 1998 में कक्षा 3 से व 2003 में कक्षा 1 से अंग्रेजी शुरू की गयी. ब्रात्य बसु जब शिक्षा मंत्री थे तो सरकारी स्कूलों में उच्च माध्यमिक स्तर पर इंगलिश मीडियम सेक्शन शुरू किया गया. अभी शिक्षा विभाग इसी पुराने प्रस्ताव पर दुबारा काम शुरू कर रहा है. प्रत्येक साल एक नयी क्लास अंग्रेजी के लिए एकेडमिक सत्र से जोड़ी जायेगी. इस विषय में स्कूल शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इसके लिए पहले ही कुछ सरकारी स्कूलों का सर्वे कर दिया गया है. इस सर्वे में यह पता लगाया जा रहा है कि प्रथम कक्षा में अंग्रेजी का सेक्शन बच्चों के लिए शुरू करने पर वे कितना उत्साहित हैं. वे क्या-क्या सीख पायेंगे. सभी शिक्षक संगठनों की राय के बाद इसे लागू किया जायेगा.
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सरकारी स्कूलों में इंग्लिश मीडियम सेक्शन कक्षा एक से ही शुरू होगा
कोलकाता. प्राथमिक शिक्षा के स्तर पर बच्चों की नींव मजबूत करने के लिए अब सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से ही अंग्रेजी मीडियम सेक्शन खोलने पर विचार किया जा रहा है. इसके लिए शिक्षा विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है. बंगाली मीडियम सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से ही इंगलिश मीडियम सेक्शन शुरु करने […]
कोलकाता. प्राथमिक शिक्षा के स्तर पर बच्चों की नींव मजबूत करने के लिए अब सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से ही अंग्रेजी मीडियम सेक्शन खोलने पर विचार किया जा रहा है. इसके लिए शिक्षा विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है. बंगाली मीडियम सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से ही इंगलिश मीडियम सेक्शन शुरु करने की खबर से शिक्षक संगठनों में काफी उत्साह है. बंगीय प्राथमिक शिक्षक समिति के पूर्व सचिव कार्तिक साहा ने कहा कि गरीब परिवार के बच्चे निजी स्कूलों में ज्यादा फीस देकर नहीं पढ़ सकते हैं.
सरकारी स्कूलों में बंगला या हिंदी भाषा पर ज्यादा जोर दिया जाता है. आजकल अंग्रेजी का जमाना है, बच्चों को अंग्रेजी से जोड़ने के लिए यह एक अच्छी कोशिश है. कक्षा एक से ही अंग्रेजी पढ़ाने से बच्चों की नींव मजबूत होगी. प्राथमिक स्तर पर प्रारंभिक शिक्षा में ही बच्चे अंग्रेजी सीख जायेंगे, तो आगे जाकर उनको दिक्कत नहीं होगी. सरकार द्वारा संचालित कुछ स्कूलों के हेडमास्टरों के साथ एक बैठक आयोजित कर इस मुद्दे पर बातचीत की गयी.
इससे पहले माकपा सरकार के समय सरकारी स्कूलों में कक्षा 11वीं व 12वीं में भी इंग्लिश मीडियम सेक्शन शुरु करने के लिए प्रस्ताव रखा गया था. बैठक में कुछ शिक्षकों ने यह सुझाव दिया कि वे प्राथमिक स्तर पर एक इंगलिश मीडियम सेक्शन खोलना चाहते हैं. बाद में कैबीनेट ने प्राथमिक कक्षा से इंगलिश सेक्शन शुरू करने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया. वर्ष 1984 में सरकारी स्कूलों में कक्षा 5वीं तक इंगलिश मीडियम पढ़ाई बंद करने का सुझाव दिया गया.
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