उनके पलायन की उन्होंने पुष्टि की. पुलिस के अनुसार बिनोदबांध निवासी जयंती सोरेन, नागेश्वर सोरेन, गोपाल टुडू, पार्वती टुडू तथा मालती सोरेन सहित कई आदिबासियों ने पिछले दिनों क्रि श्चियन धर्म अपना लिया. जयंती और गोपाल ने बताया कि उन्होंने स्वेच्छा तथा बिना किसी लोभ या प्रलोभन के धर्म बदला है.
उन्हें प्रभु यीशू पर पूरा भरोसा ह. उन्होंने कहा कि किरण हेम्ब्रम की मां का निधन हो गया तो ग्रामीणों से शव के अंतिम संस्कार में मदद मांगी गयी. ग्रामीणों ने शव उठाने से इंकार कर दिया. उनका कहना था कि वे अब आदिवासी समाज के नहीं है. कोई आदिवासी शव उठाने नहीं जायेगा. किसी तरह उन्होंने शव का अंतिम संस्कार किया. जयंती ने कहा कि उन्हें सरकारी नल से पानी नहीं लेने दिया जदा रहा है. पानी लेने पर उनके साथ मारपीट की गयी तथा बुरे अंजाम की धमकी दी गयी.
इसकी जानकारी हीरापुर थाना पुलिस को दी गयी है. उन्होंने कहा कि डर से रिश्तेदारों के यहां शरण ले रखी है. ग्रामीणों ने पुलिस अधिकारियों के समक्ष किसी प्रताड़ना या मारपीट से इंकार किया है. उन्होंने कहा कि जब उन्हें धर्म परिवर्त्तन की जानकारी मिली तो उन्होंने संबंधित परिवार के सदस्यों से इस बारे में पूछताछ की. इसका कारण भी पूछा. लेकिन उनके साथ कोई मारपीट नहीं की गयी. किसी भी आदिवासी ग्रामीण ने उन्हें धमकी नहीं दी है. उन्होंने स्वीकार किया कि तीन परिवार पलायन कर गये हैं. लेकिन ग्रामीणों का इससे कुछ लेना देना नहीं है.