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बंगाल नंबर की सभी गाड़ियां बंद, सरकारी बस ही एक मात्र सहारा, सिलीगुड़ी में फंसे दूर-दराज के पर्यटक

सिलीगुड़ी: दार्जीलिंग में हिंसा का असर अब धीरे-धीरे पड़ोसी राज्य सिक्किम पर भी पड़ने लगा है. भाषा विवाद तथा अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर पिछले एक सप्ताह से दार्जीलिंग पर्वतीय क्षेत्र में हिंसा जारी है. पुलिस फायरिंग में तीन लोग मर चुके हैं एवं कई लोग घायल हुए हैं. दार्जीलिंग पर्वतीय क्षेत्र में […]

सिलीगुड़ी: दार्जीलिंग में हिंसा का असर अब धीरे-धीरे पड़ोसी राज्य सिक्किम पर भी पड़ने लगा है. भाषा विवाद तथा अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर पिछले एक सप्ताह से दार्जीलिंग पर्वतीय क्षेत्र में हिंसा जारी है. पुलिस फायरिंग में तीन लोग मर चुके हैं एवं कई लोग घायल हुए हैं. दार्जीलिंग पर्वतीय क्षेत्र में बेमियादी बंद है. पूरा पहाड़ पर्यटकसून्य है.
ऐसे पर्यटक जो दार्जीलिंग न जाकर सिक्किम जाने के लिए यहां आये हैं अब उनको भी परेशानी होने लगी है. सिलीगुड़ी में सिक्किम की राजधानी गंगतोक जाने वाले काफी संख्या में पर्यटक फंस गये हैं. यह लोग देश के विभिन्न प्रांतों से सिलीगुड़ी तो आ गये, लेकिन गंगतोक जाने की कोई व्यवस्था नहीं है. सिलीगुड़ी और गंगतोक के बीच हर दिन ही भारी संख्या में जीप तथा टैक्सियों की आवाजाही होती है. पिछले दो दिनों से यह भी बंद है.

सिलीगुड़ी के एक प्रमुख टूर ऑपरेटर सुजीत राय ने बताया है कि सिक्किम तथा गंगतोक के बीच दो दिनों से गाड़ियां नहीं चल रही हैं. खासकर बंगाल नंबर की गाड़ियों की आवाजाही पूरी तरह से बंद है. सोमवार को बाद मंगलवार को भी बंगाल नंबर की एक भी गाड़ी नहीं चली है. सिक्किम नंबर की इक्का-दुक्का गाड़ियां ही आवाजाही कर रही हैं. उसमें भी ड्राइवर काफी डरे हुए रहते हैं. यहां उल्लेखनीय है कि सोमवार को गोजमुमो समर्थकों ने कालीझोड़ा के निकट एक ट्रक को फूंक दिया था. ट्रक का चालक भी इस आगजनी में बुरी तरह से जल गया है. उसकी चिकित्सा सिलीगुड़ी जिला अस्पताल में चल रही है. इस घटना के बाद से गाड़ी चालक और भी डरे हुए हैं. ऐसी परिस्थिति से ट्रांसपोर्टर तथा टूर ऑपरेटर काफी परेशान हैं. श्री राय ने बताया है कि पर्यटन कारोबार पर बहुत बुरा असर पड़ा है. इस बीच, राजस्थान के जयपुर से गंगतोक घुमने आये आठ पर्यटक सिलीगुड़ी में फंस गये हैं. एक पर्यटक अनन्या ने बताया कि वह जयपुर से गंगतोक घुमने आयी हुई हैं.

सिलीगुड़ी तो पहुंच गई, अब गंगतोक पहुंचना मुश्किल हो रहा है. किसी भी प्रकार की कोई गाड़ी गंगतोक जाने के लिए उपलब्ध नहीं है. कुछ इसी प्रकार की बातें चंदन गुप्ता नामक एक पर्यटक ने भी कही. इस बीच, ऐसे पर्यटकों की संख्या भी काफी है, जो सिलीगुड़ी पहुंच गये और सिक्किम नहीं जा पाने के कारण वापस लौट रहे हैं. ऐसे पर्यटकों का कहना है कि दार्जीलिंग और सिक्किम घुमने की उनकी योजना थी.

दार्जीलिंग में गड़बड़ी की वजह से सिर्फ सिक्किम घुमने का ही मन बनाया. अब इसमें भी परेशानी हो रही है. सिक्किम जाने के लिए साधन नहीं उपलब्ध होने के कारण वह लोग वापस लौट रहे हैं. दूसरी ओर, फंसे हुए पर्यटकों के लिए सिक्किम सरकार की बस ही एक मात्र सहारा है. सिक्किम नेशनलाइज्ड (एसएनटी) बसों की ही सिलीगुड़ी और गंगतोक के बीच आवाजाही हो रही है. स्वाभाविक रूप से सिलीगुड़ी जंक्शन के निकट स्थित एसएनटी बस स्टैंड में पर्यटकों की भारी भीड़ है. एसएनटी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार गंगतोक से जितनी बसें यहां आ रही हैं उन सभी बसों को पैसेंजर के साथ रवाना किया जा रहा है. सिर्फ उतनी ही बसें चलायी जा रही हैं, जितनी बसें गंगतोक से यहां आती हैं.

कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
सिलीगुड़ी से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच एसएनटी बसों को गंगतोक के लिए रवाना किया जा रहा है. एक अनुमान के मुताबिक हर दिन करीब 20 बसें यहां आ रही हैं. फिर इन्हीं बसों में पर्यटकों को वापस गंगतोक भेजा जा रहा है. सिलीगुड़ी से रंगपो तक पश्चिम बंगाल पुलिस की निगरानी में बसें जाती हैं. रंगपो से आगे तक की जिम्मेदारी सिक्किम पुलिस की है. एसएनटी के एक अधिकारी ने बताया कि आज सुबह सात बजे से ग्यारह बजे तक 15 बसों को गंगतोक के लिए रवाना किया गया है. और भी बसों के आने का इंतजार है. उन्होंने माना कि यात्रियों की संख्या अधिक है और बसों की संख्या कम.

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