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मोबाइल ब्लू टूथ के इस्तेमाल से बढ़ रही बहरेपन की समस्या

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में लगभग 100 करोड़ लोग सुनने की समस्याओं से पीड़ित हैं

वर्ल्ड हियरिंग डे के अवसर पर चिकित्सकों ने किया सतर्क

2020 में भारत में लगभग 182.4 मिलियन लोगों ने किया हेडफोन का इस्तेमाल

कोलकाता. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में लगभग 100 करोड़ लोग सुनने की समस्याओं से पीड़ित हैं, जिनमें हेडफोन और ब्लू टूथ डिवाइस का अत्यधिक उपयोग मुख्य कारण बताया गया है. ध्वनि प्रदूषण और कान की पुरानी बीमारियां भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. इस समस्या से निपटने के लिए और जागरूकता बढ़ाने और वैश्विक स्तर पर कान की देखभाल को बढ़ावा देने के लिए तीन मार्च को डब्ल्यूएचओ की ओर से वर्ल्ड हियरिंग डे के रूप में मनाया जाता है. इस अवसर पर एसोसिएशन ऑफ ओटोलरींगोलॉजिस्ट ऑफ इंडिया (एओआइ) ने सोमवार को कोलकाता प्रेस क्लब में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. इस अवसर पर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ द्वैपायन मुखर्जी ने बताया कि आजकल सुनने की अधिकांश समस्याओं का इलाज नवीनतम पीढ़ी के आधुनिक उपचार से किया जा रहा है. लेकिन आम लोग इन तथ्यों से बहुत अधिक अवगत नहीं हैं.

प्रेस कांफ्रेंस में एओआइ और ऑल इंडिया इएनटी डॉक्टर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ द्वैपायन मुखर्जी ने सामाजिक जागरूकता बढ़ाकर इस दिन को मनाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि कान हमारे शरीर को एक महत्वपूर्ण अंग है. ऐसे में अगर श्रवण शक्ति ही समाप्त हो जाये तो इसे वापस पाना बहुत मुश्किल है. दरअसल, सुनने की क्षमता में कमी किसी भी तरह से ठीक नहीं की जा सकती. हियरिंग एड या कॉकलियर इम्प्लांट द्वारा भी प्राकृतिक श्रवण शक्ति को वापस पाना बहुत मुश्किल है. इसलिए, सुनने की क्षमता बनाये रखना न केवल बच्चों के लिए बल्कि सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने बताया है कि हेडफोन का अधिक उपयोग ऑडियो समस्या या सुनने की क्षमता में कमी के मुख्य कारणों में से एक है.

दिनभर में दो घंटे से ज्यादा ना करें हेडफोन का इस्तेमाल : डॉ मुखर्जी के अनुसार, हेडफोन का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए, अगर संभव न हो तो दिन में दो घंटे से ज्यादा हेडफोन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. अन्यथा श्रवण तंत्रिका को नुकसान हो सकता है. उन्होंने लोगों को इस विषय पर सावधान रहने की सलाह दी है. उन्होंने बताया कि एक सर्वेक्षण से पता चला है कि 2020 में भारत में लगभग 182.4 मिलियन लोगों ने हेडफोन का इस्तेमाल किया और यह संख्या 2025 तक बढ़कर 244.8 मिलियन होने की संभावना है. इस परिप्रेक्ष्य में एओआइ पश्चिम बंगाल के अध्यक्ष डॉ. उत्पल ने बताया कि हेडफोन या ब्लू टूथ डिवाइस का उपयोग करने के लिए कुछ नियमों का पालन करना चाहिए.

एओआइ के कोषाध्यक्ष डॉ. स्नेहाशीष बर्मन ने कहा कि हाल ही में भारत सरकार के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक द्वारा जन जागरूकता बढ़ाने के लिए एक परिपत्र जारी किया गया है. इस परिपत्र में स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक प्रोफेसर डॉ. अतुल गोयल ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों, सभी मेडिकल कॉलेजों के प्रिंसिपल को इन समस्याओं के प्रति जागरूक करने का आह्वान किया है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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